एबीआरवाई को, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, पोस्ट कोविड रिकवरी चरण में रोजगार सृजन बढ़ाने और सामाजिक सुरक्षा लाभों के साथ नए रोजगार के सृजन को प्रोत्साहित करने एवं कोविड -19 महामारी के दौरान रोजगार के नुकसान की बहाली के लिए आत्मनिर्भर भारत 3.0 पैकेज के एक हिस्से के रूप में घोषित किया गया था।
1. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही यह योजना विभिन्न क्षेत्रों/उद्योगों के नियोक्ताओं के वित्तीय बोझ को कम करती है और उन्हें अधिक श्रमिकों को काम पर रखने के लिए प्रोत्साहित करती है।
2. एबीआरवाई के तहत, भारत सरकार, देय अंशदान के कर्मचारियों के हिस्से (मजदूरी का 12%) काऔर नियोक्ता शेयर' (मजदूरी का 12%) दोनों काया केवल कर्मचारियों के हिस्से काईपीएफओ पंजीकृत प्रतिष्ठानों की बल संख्या के आधार पर दो साल की अवधि के लिए जमा कर रही है। एबीआरई के तहत ईपीएफओ के साथ पंजीकृत प्रत्येक प्रतिष्ठान और उनके नए कर्मचारियों (प्रति माह 15,000 रुपये से कम वेतन पाने वाले) को लाभ प्रदान किया जाता है, यदि प्रतिष्ठान 1.10.2020 को या उसके बाद और 30 जून, 2021 तक नए कर्मचारी लेते हैं या वेजिनके रोजगार 01.03.2020 से 30.09.2020 के बीच समाप्त हो गए थे।
3. योजना का दायरा अर्थात् योजना के तहत नए कर्मचारियों के पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 जून 2021 से 31 मार्च 2022 तक सीसीईए कीदिनांक 30.06.2021 को हुई बैठक में उसकीमंजूरीके साथ बढ़ा दी गई है। योजना अवधि के दौरान लगभग 71.8 लाख कर्मचारियों को लाभान्वित होने की संभावना है। 31 मार्च, 2022 तक पंजीकृत लाभार्थियों को, योजना के तहत पंजीकरण की तारीख से 2 साल तक लाभ मिलता रहेगा।