योजना के दिशानिर्देश

  1. परिचय :

केंद्र सरकार ने दिनांक 12.11.2020 को आत्मनिर्भर भारत 3.0 पैकेज की घोषणा की जिसमें अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार करने और तनावग्रस्त क्षेत्रों को राहत प्रदान करने के लिए कई प्रोत्साहन उपाय शामिल हैं। पैकेज के एक भाग के रूप में, कोविड महामारी के दौरान नए रोजगार के सृजन और रोजगार के नुकसान की भरपाई को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना (एबीआरवाई) की घोषणा की गई है।

 

  1. योजना के उद्देश्य:

इस योजना में ईपीएफओ के साथ पंजीकृत नियोक्ताओं को नए कर्मचारियों को रोजगार देने और कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी नौकरी खोने वाले कम वेतन वर्ग के व्यक्तियों को फिर से नियोजित करने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव है

 

केंद्र सरकार, ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के तहत देय कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों के हिस्से के योगदान का भुगतान करेगी या संगठन की रोजगार संख्या के आधार पर  केवल कर्मचारियों के हिस्से का भुगतान करेगी।  यह भुगतान पात्र कर्मचारियों के ईपीएफओ द्वारा रखे गए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर पर सीधे किया जाएगा

 

    1.  योजना की वैधता :

यह योजना दिनांक 1 अक्तूबर 2020 से शुरू हुई है और नियोक्ताओं और नए कर्मचारियों के पंजीकरण के लिए दिनांक 30 जून, 2021 तक खुली रहेगी। केंद्र सरकार ने पात्र नियोक्ताओं और नए कर्मचारियों के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 30.06.2021 से 31.03.2022 तक बढ़ाने के लिए दिनांक 30.06.2021 को मंजूरी दे दी है।

 

यह लाभ नए कर्मचारी के पंजीकरण की तारीख से चौबीस महीने की अवधि के लिए उपलब्ध होगा, किसी भी मामले में 31/03/2024 से बाद नहीं।

 

  1. योजना के लिए परिभाषाएँ:

 

  1. इस योजना में प्रयुक्त परिभाषाओं और अन्य अभिव्यक्तियों का वही अर्थ होगा जो उन्हें ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 या उसके तहत बनाई गई किसी भी योजना में दिया गया है।

 

  1. इस योजना के प्रयोजनों के लिए:

 

    1. "इलेक्ट्रॉनिक - चालान सह रिटर्न" (ईसीआर) का अर्थ है ईपीएफ योजना, 1952 के प्रावधानों के तहत नियोक्ताओं/प्रतिष्ठानों द्वारा ऑनलाइन जमा किया गया मासिक चालान -सह-रिटर्न।

 

    1. “नया कर्मचारी” का अर्थ है 15000 रुपये प्रति माह से कम वेतन पाने वाला कोई भी कर्मचारी-
      1. जो किसी भी प्रतिष्ठान में काम नहीं कर रहा था और 01 अक्तूबर 2020 से पहले उसके एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर नहीं था, जो 01.10.2020 को या उसके बाद 31.03.2022 तक किसी भी प्रतिष्ठान में रोजगार में शामिल होता है और जिसे आधार मान्य यूएएन आवंटित किया जाता है।
      2.  कोई भी ईपीएफ सदस्य, जिसे पहले से ही यूएएन आबंटित किया गया है, जो किसी भी प्रतिष्ठान से 01.03.2020 से 30.09.2020 की अवधि के दौरान रोजगार से बाहर निकला है, और उसके बाहर निकलने की तारीख, यूएएन में दर्ज है और जो 01.10.2020 को या उसके बाद 31.03.2022 तक किसी भी प्रतिष्ठान में शामिल होता है
    1. " प्रतिष्ठान " का अर्थ ईपीएफओ के साथ पंजीकृत एक प्रतिष्ठान है और इसमें इसके सभी विभाग और शाखाएं शामिल हैं, चाहे वह एक ही स्थान पर स्थित हो या अन्यथा।
    1. " स्वामित्व रिटर्न" का अर्थ ईपीएफ योजना, 1952 के पैरा 36-ए के तहत निर्धारित फॉर्म 5ए में रिटर्न है।
    1. "यूनिवर्सल खाता संख्या (यूएएन)" का अर्थ है ईपीएफओ द्वारा आवंटित आधार मान्य विशिष्ट खाता संख्या।
    1. " वेतन " का अर्थ वह मजदूरी है जिस पर ईपीएफ और एमपी, अधिनियम, 1952 की धारा 6 के अनुसार अंशदान देय है।
    1. " मजदूरी माह" का अर्थ कैलेंडर माह है जिसके लिए किसी भी कर्मचारी को मजदूरी देय है।

5 . कर्मचारियों का संदर्भ आधार:

 

  1. कर्मचारियों की संख्या, जिनके लिए नियोक्ता ने इस योजना के शुरू होने से पहले सितंबर 2020 के वेतन महीने के लिए ईसीआर के माध्यम से योगदान दिया है, उस संख्या को किसी प्रतिष्ठान की पात्रता निर्धारित करने के लिए संदर्भ आधार संख्या के रूप में लिया जाएगा।
  2. यदि सितंबर, 2020 के वेतन महीने के लिए ईसीआर इसकी नियत तारीख से बाद लेकिन 15 दिसंबर, 2020 से हले दाखिल किया जाता है, तो कर्मचारियों का संदर्भ आधार, सितंबर, 2020 के वेतन महीने के लिए ईसीआर में दिखाए गए कर्मचारियों की संख्या होगी, या पिछले ईसीआर के अनुसार कर्मचारियों की संख्या जो दिनांक 11.11.2020 तक दाखिल की गई थी, जो भी अधिक हो।
  3. दिनांक 01.10.2020 से 31.03.2022 के बीच, ईपीएफओ के साथ पंजीकृत होने वाले नए प्रतिष्ठानों के लिए, कामगारों का संदर्भ आधार शून्य माना जाएगा।

 

6. प्रतिष्ठानों के लिए पात्रता मानदंड :

 

  1. इस योजना के शुरू होने से पहले ही पंजीकृत प्रतिष्ठानों को संदर्भ आधार के ऊपर, न्यूनतम दो नए कर्मचारियों (यदि कर्मचारी का संदर्भ आधार 50 से कम या उसके बराबर है) और न्यूनतम पांच नए कर्मचारियों (यदि कर्मचारियों का संदर्भ आधार 50 से अधिक है) को नियोजित करना होगा।
  2. इस तरह के पहले से पंजीकृत प्रतिष्ठानों को इस योजना के तहत किसी भी वेतन माह के लिए सहायता प्राप्त करने के लिए उपरोक्त पैरा 5 में कर्मचारियों के संदर्भ आधार के संबंध में उपरोक्त उप-पैरा (1) में निर्दिष्ट अतिरिक्त नए कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या को नियोजित करना जारी रखा जाएगा।
  3. अतिरिक्त नए कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या को बनाए रखने के साथ-साथ पहले से पंजीकृत प्रतिष्ठान को इस योजना के तहत किसी भी वेतन माह के लिए सहायता प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों के संदर्भ आधार के रूप में लिए गए कर्मचारियों की संख्या को बनाए रख जाएगा।
  4. दिनांक 01.10.2020 से 31.03.2022 के बीच ईपीएफओ के साथ पंजीकृत होने वाले नए प्रतिष्ठान के लिए, कर्मचारियों का संदर्भ आधार शून्य माना जाएगा। यदि ऐसा कोई प्रतिष्ठान 20 से कम कर्मचारियों के साथ स्वेच्छा से पंजीकरण कराता है और इस योजना की वैधता अवधि के दौरान 20 से कम कर्मचारियों को बनाए रखता है, तो ऐसे प्रतिष्ठान को ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 के तहत वैधानिक योजनाओं से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जाएगी और लाभ प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को इस योजना की वैधता अवधि के बाद दो वर्ष की अवधि समाप्त होने तक अंतिम निकासी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  5. एक या एक से अधिक प्रमुख नियोक्ताओं को, जनशक्ति प्रदान करने के कार्य में लगे ठेकेदारों के रूप में काम करने वाले प्रतिष्ठान, इस योजना के तहत नियोक्ता के हिस्से के लाभ का दावा नहीं करेंगे, यदि इसका दावा किया जाता है या प्रमुख नियोक्ता से प्राप्त किया जाता है। इसके तहत दावा की गई नियोक्ता के हिस्से की ऐसी कोई भी राशि केंद्र सरकार को वापस की जाएगी।
  6. यदि कोई प्रतिष्ठान,  एकल कानूनी निकाय होने के कारण ईपीएफओ से प्राप्त विभिन्न कोड नंबरों के तहत अनुपालन कर रहा है, तो इस योजना के तहत पात्रता मानदंड के लिए जहां कहीं भी लागू हो, 50/1000 कर्मचारियों की संख्या की गणना के उद्देश्य से, प्रतिष्ठान के सभी कर्मचारियों समग्र रूप से शामिल किया जाएगा।

 

  1. कर्मचारियों के लिए पात्रता मानदंड:

 

    1. इस योजना के लिए पात्र प्रतिष्ठान के नियोक्ता द्वारा दिनांक 01.10.2020 से 31.03.2022 की अवधि के दौरान नए कर्मचारी को पंजीकृत किया जाना है ।
    1. नए कर्मचारी के पास आधार से जुड़ा यूनिवर्सल अकाउंट नंबर होना चाहिए।
    2. इस योजना के तहत लाभ का भुगतान उस वेतन महीने के लिए किया जाएगा जिसमें वह किसी भी पात्र प्रतिष्ठान में रोजगार में बना रहता है, जो नए कर्मचारी के रूप में पंजीकरण की तारीख से अधिकतम 24 महीने की अवधि के अधीन है।
    1. इस योजना के तहत कोई भी पात्र नया कर्मचारी अपात्र हो जाएगा यदि उसका मासिक वेतन इस योजना अवधि के दौरान किसी भी समय 14999/- से अधिक हो।
    2. यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि कोई नया कर्मचारी पहले से ही एक पंजीकृत लाभार्थी है और उसका नियोक्ता पीएमआरपीवाई / पीएमआरपीवाई 2016 के तहत केंद्र सरकार द्वारा नियोक्ता के हिस्से के भुगतान के लिए पात्र है या लाभ प्राप्त कर रहा है,  तब इस योजना के तहत ऐसे नए कर्मचारी के संबंध में ऐसा कोई लाभ नहीं मिलेगा।
      1. लाभ की राशि:

केंद्र सरकार पात्र नए कर्मचारियों के संबंध में चौबीस वेतन माह के लिए निम्नलिखित वेतनमान पर सब्सिडी प्रदान करेगी:

  1. सितंबर, 2020 के वेतन माह में एक हजार (1000) कर्मचारियों (यूएएन के साथ योगदान देने वाले  ईपीएफ सदस्य) को नियोजित करने वाले प्रतिष्ठानों के लिए, नियोक्ता और कर्मचारी के योगदान की हिस्सेदारी प्रतिष्ठान के लिए लागू वैधानिक दर के अनुसार वेतन का अधिकतम 24% है।

हालांकि इन प्रतिष्ठानों को नियोक्ता के हिस्से की सब्सिडी मिलती रहेगी, भले ही योजना अवधि के दौरान यूएएन के साथ योगदान देने वाले ईपीएफ सदस्यों की संख्या 1000 से अधिक हो।

  1. वेतन माह सितंबर, 2020 में एक हजार (1000) से अधिक कर्मचारियों (यूएएन के साथ योगदान देने वाले ईपीएफ सदस्य)  को नियोजित करने वाले प्रतिष्ठानों के लिए, कर्मचारियों के योगदान की हिस्सेदारी प्रतिष्ठान के लिए लागू वैधानिक दर के अनुसार वेतन का अधिकतम 12% है।
      1. इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया और निर्देश:

 

  1. नियोक्ता, किसी भी पात्र प्रतिष्ठान के संबंध में,  ईपीएफओ एकीकृत पोर्टल पर नियोक्ता के लिए दिए गए लॉगिन में एक लिंक के माध्यम से कर्मचारियों के संदर्भ आधार का खुलासा करते हुए पहले इस योजना के तहत प्रतिष्ठान को पंजीकृत करेगा।
  2. इस योजना के तहत प्रतिष्ठान के पंजीकरण से पहले, नियोक्ता यह सुनिश्चित करेगा कि ईपीएफओ के साथ अद्यतन स्वामित्व रिटर्न पहले से ही दाखिल किया गया है।
  3. किसी भी कर्मचारी को रोजगार में लेने से पहले,  नियोक्ता,  ईपीएफ योजना, 1952 के पैरा 34 और ईपीएफ़, 1995 के पैरा 24 के तहत, कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 और कर्मचारी पेंशन योजना, 1995,   की पिछली सदस्यता के रूप में ईपीएफ सदस्य ए/सी नंबर/यूएएन की एक घोषणा प्राप्त करना सुनिश्चित करेगा, ऐसी पिछली सदस्यता के संबंध में जैसा आवश्यक हो, और इस तरह की घोषणा को बरकरार रखेगा ।
  4. पात्र प्रतिष्ठान के नियोक्ता इस योजना के तहत दिनांक 01.10.2020 से दिनांक 31.03.2022 की अवधि के दौरान नए कर्मचारियों को पंजीकृत करेंगे।
  5. किसी भी पात्र प्रतिष्ठान के संबंध में नियोक्ता, नए कर्मचारियों के संबंध में प्रत्येक वेतन माह के लिए सभी कर्मचारियों के संबंध में एक इलेक्ट्रॉनिक चालान सह रिटर्न (ईसीआर) दाखिल करेगा जिससे लाभ में वृद्धि हो। इस तरह के ईसीआर में, भविष्य में किसी भी तारीख में,  किसी भी बढ़े हुए लाभ का दावा करने के लिए,  किसी भी प्रकार के सुधार/संपादन/ संशोधन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  6. इस योजना के तहत लाभ का दावा करने के लिए किसी भी वेतन महीने के लिए ईसीआर पात्र प्रतिष्ठान द्वारा उस वेतन महीने की समाप्ति के 60 दिनों तक दाखिल किया जाना चाहिए। यदि किसी वेतन माह के लिए ऐसी ईसीआर, ईपीएफ योजना, 1952 के पैरा 38 में निर्दिष्ट नियत तारीख के पश्चात लेकिन वेतन माह की समाप्ति के 60 दिनों के भीतर दाखिल की जाती है, तब ईपीएफ और एमपी अधिनियम 1952 की धारा 7 क्यू के तहत ऐसे विलम्बित प्रेषण पर देय ब्याज की देयता, नियोक्ता द्वारा वहन की जाएगी
  7. चूंकि केंद्र सरकार इस योजना के तहत पात्र नए कर्मचारियों के लिए ईपीएफ योगदान के कर्मचारी के अंश का भुगतान कर रही है, नियोक्ता किसी भी नए कर्मचारी के मासिक वेतन से ईपीएफ योगदान के कर्मचारी के हिस्से की कोई कटौती नहीं करेगा और इस तरह की कटौती के बिना, संबंधित नए कर्मचारी को वेतन का वितरण करेगा और ईसीआर के साथ उपरोक्त के संबंध में घोषणा फाइल करेगा। इस शर्त के किसी भी उल्लंघन को विश्वासभंग के रूप में माना जाएगा और नियोक्ता को ऐसी राशि की वसूली के अलावा कानून के अनुसार उचित कानूनी कार्रवाई के का भी सामना करना पड़ेगा।
  8. चूंकि इस योजना के तहत केंद्र सरकार से प्राप्त लाभ, किसी भी कानून के तहत किसी भी लाभ/छूट/रिबेट/रियायत/राहत का दावा करने या प्राप्त करने के लिए प्रतिष्ठान या नियोक्ता द्वारा किए गए व्यय के रूप में दर्ज नहीं किया जाएगा
  9. एक बार लाभ के लिए पात्र नियोक्ता द्वारा ईसीआर अपलोड कर दिए जाने के बाद, नए कर्मचारियों के संबंध में इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा देय कर्मचारियों और नियोक्ताओं के योगदान की राशि और नियोक्ता द्वारा देय राशि का चालान अलग से दिखाएगा। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, नियोक्ता को उसके देय भुगतान का भुगतान करना होगा जैसा कि चालान में दर्शाया गया है और ईसीआर फाइलिंग की प्रक्रिया को पूरा करना होगा।
  10. नए पात्र कर्मचारियों के संबंध में इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा आवंटित धन से, केंद्र सरकार द्वारा देय लाभ को ईपीएफओ द्वारा नए कर्मचारियों के आधार से जुड़े यूएएन में अग्रिम रूप से जमा किया जाएगा।
  11. जहां कहीं भी नियोक्ता ने इस योजना के तहत पंजीकरण के लिए सुविधा की तैनाती से पहले अक्तूबर और नवंबर 2020 के वेतन महीने के लिए ईसीआर दाखिल किया है, इस योजना के तहत देय लाभ जो पहले से ही ईसीआर के माध्यम से प्रेषित किया गया है, तब भविष्य में नियोक्ता के हिस्से के समायोजन हेतु, नियोक्ता के हिस्से की नियोक्ता को प्रतिपूर्ति की जाएगी। नए पात्र कर्मचारियों के संबंध में कर्मचारियों के अंशदान के लाभ को भी उनके यूएएन में समायोजित किया जाएगा।
  12. इस योजना के तहत किसी भी लाभ का दावा करने के लिए प्रस्तुत सभी विवरणों की सत्यता के लिए नियोक्ता और प्रतिष्ठान जिम्मेदार होंगे। ऐसी झूठी घोषणा होने पर, गलत या झूठी घोषणा के माध्यम से दावा की गई कोई भी राशि कानून के उपयुक्त प्रावधानों के तहत अन्य कार्रवाई के अलावा वसूली योग्य भी होगी।
  13. नियोक्ता को, किसी भी वेतन माह के लिए सब्सिडी का दावा करने के लिए ईसीआर के साथ-साथ , नीचे संलग्न प्रारूप में एक प्रमाण पत्र / घोषणा इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपलोड करनी होगी:

 

    1. नियोक्ता का प्रमाणपत्र / घोषणा

 

  1. कि मैंने योजना के दिशा-निर्देशों को पढ़ लिया है और घोषणा करता हूं कि मेरा प्रतिष्ठान, नया रोजगार सृजित करने हेतु, केंद्र सरकार से लाभ प्राप्त करने के लिए सभी पात्रता शर्तों को पूरा करता है
  2. मैं प्रमाणित करता/करती हूं कि कर्मचारियों के ईपीएफ योगदान या नियोक्ता के ईपीएफ/ईपीएस योगदान के लिए, योग्य नए कर्मचारियों के वेतन से कोई कटौती नहीं की गई है।
  3. यह कि मैंने केंद्र सरकार से, नए पात्र कर्मचारियों के संबंध में नियोक्ता और या कर्मचारियों के अंशदान की सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए इस घोषणा के साथ दायर ईसीआर में न तो कोई महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई है और न ही कोई विवरण छोड़ा है और सही जानकारी प्रस्तुत की है।
  4. मैं वचन देता हूं कि इस योजना के तहत केंद्र सरकार से प्राप्त सब्सिडी को किसी भी कानून के तहत किसी भी लाभ/छूट/रिबेट/रियायतों का दावा करने या प्राप्त करने के लिए प्रतिष्ठान या नियोक्ता द्वारा किए गए व्यय के रूप में दर्ज नहीं किया जाएगा।
  5. मैं समझता हूं कि केंद्र सरकार की सहायता प्राप्त करने के लिए किसी भी गलत या गलत जानकारी/घोषणा प्रस्तुत करने पर नियोक्ता को लाभ राशि वापस करने के साथ साथ और किसी भी दंडात्मक कार्रवाई के लिए भी तैयार रहना होगा।
    1. नियोक्ता द्वारा अतिरिक्त प्रमाण पत्र/घोषणा यदि प्रतिष्ठान एक ठेकेदार है जो श्रम-शक्ति उपलब्ध करवाता है।
  6. मैं एतद्द्वारा घोषणा करता हूं कि नए कर्मचारियों की सेवाएं, मुख्य नियोक्ता को निम्नानुसार प्रदान की गईं:

मुख्य नियोक्ता का नाम

मुख्य नियोक्ता की ईपीएफ कोड़ संख्या, यदि कोई है

प्रदान किए गए नए कर्मचारियों की संख्या

 

नोट: - मुख्य नियोक्ता के ईपीएफओ के साथ पंजीकृत नहीं होने की स्थिति में, कोड संख्या का उल्लेख शून्य के रूप में किया जा सकता है

  1. मैं आगे प्रमाणित करता हूं कि इस योजना के तहत केंद्र सरकार से सहायता के रूप में ईसीआर के माध्यम से मेरे द्वारा दावा किए जा रहे नए कर्मचारियों के ईपीएफ/ईपीएस योगदान के नियोक्ता के हिस्से का, किसी भी अनुबंध या कार्य आदेश के तहत, मुख्य नियोक्ता से न तो दावा किया गया है और न ही मेरे द्वारा प्राप्त किया गया है और न ही भविष्य में मेरे द्वारा दावा या प्राप्त किया जाएगा।  
  2. यदि यह पाया जाता है कि नियोक्ता या किसी व्यक्ति ने झूठी सूचना या बयान दर्ज किया है या गलत घोषणा की है, तो नियोक्ता या ऐसे व्यक्ति को दोषी माना जाएगा और ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 और ईपीएफ योजना, 1952  और कानून  के किसी अन्य उपयुक्त प्रावधान के अनुसार इस तरह के उल्लंघन के लिए दंडात्मक परिणामों का सामना करना होगा। इसके अलावा, ईपीएफ और एमपी अधिनियम, 1952 और उसके तहत योजनाओं के प्रावधानों के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा भुगतान कि लाभ की ब्याज और जुर्माना के साथ वसूली की जाएगी।
  3. इस योजना के तहत, केंद्र सरकार से कर्मचारी या नियोक्ता के हिस्से के भविष्य निधि योगदान का दावा करने वाला नियोक्ता, कर्मचारी या प्रमुख नियोक्ता से दावा नहीं करेगा, जैसा भी मामला हो। कोई भी दोहरा दावा होने पर कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी
    1. योजना के कार्यान्वयन की पद्धति
  4. ईपीएफओ, इस योजना को लागू करने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करेगा और एक ऐसी प्रक्रिया भी विकसित करेगा जो पारदर्शी और अपनी ओर से जवाबदेह हो। सॉफ्टवेयर के तहत नियोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए पात्रता मानदंड को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए।
  5. ईपीएफओ, ईपीएफ के सदस्यों के आधार से जुड़े खातों में, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से धनराशि जमा करेगा ।
    1. निगरानी तंत्र
  6. ईपीएफओ, साप्ताहिक आधार पर इस योजना के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करेगा।
  7. ईपीएफओ, इस योजना की प्रभावी निगरानी के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (रोजगार महानिदेशालय), भारत सरकार को मासिक रिपोर्ट प्रदान करेगा।
    1. तृतीय पक्ष मूल्यांकन
  8. ईपीएफओ इस योजना के बंद होने से तीन महीने की अवधि के भीतर योजना क तीसरे पक्ष का मूल्यांकन करेगा और डीजीई, श्रम और रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार को एक रिपोर्ट भेजेगा।
  9. योजना के मूल्यांकन पर होने वाला खर्च, ईपीएफओ द्वारा अपने संसाधनों से वहन किया जाएगा।

 एबीआरवाई योजना दिशानिर्देशों पर चित्र

    1. सब्सिडी लाभ प्राप्त करने के लिए 24 महीने की गणना अवधि (योजना दिशानिर्देशों के पैरा 3 और 7 देखें )

उदाहरण क

  • श्री अक्तूबर 2020 में पहली बार किसी ईपीएफओ कवर प्रतिष्ठान मेसर्स एक्स.वाई.जेड में शामिल हुए
  • मेसर्स एक्स.वाई.जेड लाभ के लिए पात्र है
  • पात्रता माह अक्तूबर, 2020
  • लाभ प्राप्त करने के लिए पहला वेतन माह अक्तूबर, 2020 होगा
  • श्री क किसी भी पात्र प्रतिष्ठान में रु.15000/- से कम वेतन पर कार्यरत हैं।
  • श्री क को सितंबर 2022 तक कुल 24 वेतन महीनों के लिए लाभ मिलता रहेगा

उदाहरण ख

  • श्री क जनवरी 2021 में पहली बार किसी ईपीएफओ कवर प्रतिष्ठान मेसर्स एक्स.वाई.जेड में शामिल हुए
  • मेसर्स एक्स.वाई.जेड लाभ के लिए पात्र है
  • पात्रता माह जनवरी, 2021
  • लाभ प्राप्ति के लिए पहला वेतन माह जनवरी, 2021 होगा
  • श्री क किसी भी पात्र प्रतिष्ठान में रु.15000/- से कम वेतन पर कार्यरत हैं।
  • श्री क को दिसंबर 2022 तक कुल 24 वेतन महीनों के लिए लाभ मिलता रहेगा

नोट: यदि श्री क मेसर्स एक्स.वाई.जेड को छोड़ देता है और किसी भी अपात्र प्रतिष्ठान मेसर्स पी.क्यू.आर में तीन माह की अवधि जैसे कि नवंबर 2020 से जनवरी, 2021 तक के लिए कार्यरत हो जाता है,  तब श्री  नवंबर से जनवरी, 2021 में लाभ पाने का पात्र नहीं होगा।

    1. कर्मचारियों का संदर्भ आधार
    2. संदर्भ आधार स्तर हेतु कर्मचारियों की गिनती के लिए वेतन माह (योजना दिशानिर्देशों के पैरा 5 के उप-पैरा (2) देखें)

उदाहरण क

  • सितंबर, 2020 का वेतन माह
  • ईसीआर दाखिल करने की तिथि दिनांक 15.10.2020 को या उससे पहले है
  • सितंबर,20  के वेतन माह के लिए ईसीआर में कर्मचारियों की संख्या 500 है
  • कर्मचारी का संदर्भ आधार 500  होगा

उदाहरण ख

  • सितंबर, 2020 का वेतन माह
  • ईसीआर दाखिल करने की तिथि दिनांक 16.10.2020 से 15.12.2020 तक किसी भी तारीख को है
  • वेतन माह सितंबर, 2020 के लिए ईसीआर में कर्मचारियों की संख्या 500
  • सितंबर, 2020 के ईसीआर की तुलना 11.11.2020 तक दर्ज अंतिम ईसीआर से की जाएगी
  • यदि 11.11.2020 को या उससे पहले दाखिल अंतिम ईसीआर वेतन माह अगस्त, 2020 के लिए है
  • वेतन माह अगस्त 2020 के लिए ईसीआर में कर्मचारियों की संख्या 510
  • कर्मचारियों का संदर्भ आधार होगा 510
  1. कर्मचारियों के संदर्भ आधार के लिए कर्मचारियों की संख्या

योजना दिशानिर्देश उदाहरण के पैरा 6 और पैरा 8 के उप-पैरा (6) देखें

  • मेसर्स एक्स.वाई.जेड एक प्रतिष्ठान है
  • तीन ईपीएफ कोड नंबर 1111, 2222 और 3333 प्राप्त हुए
  • ईसीआर में कर्मचारी संदर्भ वेतन माह के लिए कोड नं. 1111 = 400, 2222 में = 40,  3333 में = 600
  • मेसर्स एक्स.वाई.जेड के कुल कर्मचारी = 1040
  • मेसर्स एक्स.वाई.जेड के लिए लाभ के पैमाने के लिए कर्मचारियों का संदर्भ आधार 1040 है
    1. पात्रता के लिए नए अतिरिक्त कर्मचारियों की संख्या (योजना दिशानिर्देशों का पैरा 6 देखें)

उदाहरण क-1

  • मेसर्स एक्स.वाई.जेड एक प्रतिष्ठान है
  • संदर्भ वेतन माह के लिए ईसीआर में कर्मचारी = 50
  • अक्तूबर, 2020 में कुल नए कर्मचारी>= 2
  • अक्तूबर, 2020 में कुल कर्मचारी>= 52
  • क्या लाभ के लिए पात्र = हाँ

उदाहरण -2

  • मेसर्स एक्स.वाई.जेड एक प्रतिष्ठान है
  • संदर्भ वेतन माह के लिए ईसीआर में कर्मचारी = 50
  • अक्तूबर, 2020 में कुल नए कर्मचारी>= 2
  • अक्तूबर, 2020 में कुल कर्मचारी <= 51
  • क्या लाभ के लिए पात्र = नहीं

उदाहरण ख-1

  • मेसर्स एक्स.वाई.जेड एक प्रतिष्ठान है
  • संदर्भ वेतन माह के लिए ईसीआर में कर्मचारी = 51
  • अक्तूबर, 2020 में कुल नए कर्मचारी >= 5
  • अक्तूबर, 2020 में कुल कर्मचारी >= 56
  • क्या लाभ के लिए पात्र = हाँ

उदाहरण ख-2

  • मेसर्स एक्स.वाई.जेड एक प्रतिष्ठान है
  • संदर्भ वेतन माह के लिए ईसीआर में कर्मचारी = 51
  • अक्तूबर, 2020 में कुल नए कर्मचारी >= 5
  • अक्तूबर, 2020 में कुल कर्मचारी <= 54
  • क्या लाभ के लिए पात्र = नहीं
    1. लाभ की राशि (योजना दिशानिर्देशों का पैरा -8 देखें) उदाहरण क
  • मेसर्स एक्स.वाई.जेड एक प्रतिष्ठान है
  • संदर्भ वेतन माह के लिए ईसीआर में कर्मचारी = 1000
  • अक्तूबर, 2020 में कुल नए कर्मचारी >= 5
  • अक्तूबर, 2020 में कुल कर्मचारी>= 1005
  • लाभ की राशि = वेतन का 24%

उदाहरण ख

  • मेसर्स एक्स.वाई.जेड एक प्रतिष्ठान है
  • संदर्भ वेतन माह के लिए ईसीआर में कर्मचारी = 1001
  • अक्तूबर, 2020 में कुल नए कर्मचारी>= 5
  • अक्तूबर, 2020 में कुल कर्मचारी >= 1006
  • लाभ की राशि =वेतन का 12%
    1. नए कर्मचारी- लाभार्थी

(योजना दिशानिर्देशों के पैरा 4 के उप-पैरा 2 का खंड () देखें) उदाहरण क-1

  • श्री क (यूएएन 101234567890)  दिनांक 30.12.2019 को प्रतिष्ठान-मैसर्स एक्स.वाई.जेड रोजगार से बाहर हो गया
  • श्री क ने दिनांक 01.10.2020 को 14500 / - के वेतन के साथ प्रतिष्ठान मैसर्स पी.क्यू.आर में ज्वाइन किया-

क्या पात्र- कोई उदाहरण नहीं क-2

  • श्री क (यूएएन 101234567890) दिनांक 31.08.2020 को प्रतिष्ठान- मैसर्स एक्स.वाई.जेड के रोजगार से बाहर हो गया
  • श्री क दिनांक ने दिनांक 01.10.2020 को रु.15000/- के मासिक वेतन साथ प्रतिष्ठान- मैसर्स पीक्यूआर में ज्वाइन किया-

क्या पात्र- नहीं उदाहरण ख-1  

      • श्री क (यूएएन 101234567890) दिनांक 31.08.2020 को प्रतिष्ठान-मैसर्स एक्स.वाई.जेड के रोजगार से बाहर हो गए
      • श्री क ने दिनांक 01.10.2020 को रु.12000/- के साथ मासिक वेतन के साथ प्रतिष्ठान मैसर्स पी.क्यू.आर में ज्वाइन किया-

क्या पात्र-

हाँ

उदाहरण ख-2

      • श्री क (यूएएन 101234567890दिनांक 30.12.2019 को प्रतिष्ठान-मैसर्स एक्स.वाई.जेड के रोजगार से बाहर हो गए
  • श्री क ने दिनांक 01.02.2020 को प्रतिष्ठान मैसर्स आरएसटी में ज्वाइन किया और 31.07.2020 को बाहर निकले
  • श्री क ने दिनांक 01.10.2020 को रु.14000/- के मासिक वेतन के साथ प्रतिष्ठान- मैसर्स पी.क्यू.आर में ज्वाइन किया-