भारत सरकार की रोजगार सृजन योजनाएं/कार्यक्रम
नियोजनीयता में सुधार करते हुए रोजगार का सृजन करना सरकार की प्राथमिकता रही है। तदनुसार, भारत सरकार ने देश में रोजगार का सृजन करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इनमें देश को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए बनाई गई विभिन्न दीर्घकालिक योजनाएं/कार्यक्रम/नीतियां शामिल हैं। सरकार की रोजगार सृजन योजनाओं/रोजगार प्रोत्साहन कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण उनकी वेबसाइट के साथ नीचे दिया गया है:
भारत सरकार की रोजगार सृजन योजनाएं/कार्यक्रम
22.09.2022 के अनुसार
क्र.सं. | योजना / कार्यक्रम का नाम | मंत्रालय | टिप्पणी |
1 | आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) | श्रम और रोजगार मंत्रालय | आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के अंग के रूप में सामाजिक सुरक्षा लाभों के साथ- साथ नए रोजगार का सृजन करने हेतु नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने तथा कोविड-19 महामारी के दौरान कम हुएरोजगारोंकी पूर्ति हेतु 1 अक्तूबर, 2020 से प्रारंभ की गई है।इस वेबसाइट लिंक https://labour.gov.in/aatmanirbhar-bharat-rojgar-yojana-abry है। |
2 | प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) | श्रम और रोजगार मंत्रालय | नए रोजगार के सृजन को बढ़ावा देने हेतु नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 1.04.2016को प्रधान मंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) आरंभ की गई है। इस योजना के तहत 31 मार्च, 2019 तक पंजीकृत लाभार्थियों को पंजीकरण की तिथि से 3 वर्षों अर्थात् 31 मार्च, 2022 तक लाभ प्राप्त होगा। पीएमआरपीवाई के दिशानिर्देश हेतु एवं इस स्कीम हेतु वेबसाइट का लिंक है। |
3 | राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) परियोजना | श्रम और रोजगार मंत्रालय | यह,रोजगार मैचिंग, करियर परामर्श, व्यावसायिक मार्गदर्शन, कौशल विकास पाठ्यक्रमों, शिक्षुता, इन्टर्नशिप आदि पर सूचना आदि जैसी विविध रोजगार संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय रोजगार सेवा के रूपान्तरण हेतु एक परियोजना है। इस परियोजना में तीन महत्वपूर्ण घटक शामिल है, नामतः एनसीएस पोर्टल (www.ncs.gov.in) (II) आदर्श करियर केंद्र; तथा (III) रोजगार कार्यालयों को आपस में जोड़ना। इस वेबसाइट का लिंक https://www.ncs.gov.in/ है। |
4 | महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीनरेगा) | श्रम और रोजगार मंत्रालय | एमजीनरेगा का उद्देश्य, ग्रामीण परिवार के उन सदस्यों,जो अकुशल शारीरिक कार्य करना चाहते हैं, को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों का गारंटीशुदा वेतन रोजगार प्रदान करना है। इस वेबसाइट का लिंक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) है। |
5 | गरीब कल्याण रोजगार अभियान (पीएमजीकेआरए) | ग्रामीण विकास मंत्रालय | गरीब कल्याण रोजगार अभियान (जीकेआरए) एक 125-दिवसीय अभियान है, जिसे माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 20 जून, 2020 को शुरू किया गया था, इसके लिए 50,000 करोड़ रुपये के संसाधन पैकेज के साथ 6 राज्यों के 116 चयनित जिलों में 25 कार्यों पर ध्यान केंद्रित, और गांवों को सार्वजनिक बुनियादी ढांचे से परिपूर्ण करके तथा आय सृजन गतिविधियों को बढ़ावा देकर एवं दीर्घकालिक आजीविका के अवसरों को बढ़ाने के लिए आजीविका संपत्ति के निर्माण के द्वारा संकटग्रस्त लोगों को तत्काल रोजगार और आजीविका के अवसर प्रदान करने की बहुआयामी रणनीति के माध्यम से कोविड -19 महामारी से लौटे प्रवासी कामगारों और इसी तरह से प्रभावित ग्रामीण आबादी के मामलों का निपटान करना था। इस योजना के लिए वेबसाइट लिंक आजीविका - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) है |
6 | आजीविका - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) | ग्रामीण विकास मंत्रालय | आजीविका - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी), भारत सरकार द्वारा जून 2011 में शुरू किया गया था। विश्व बैंक द्वारा मांगों में निवेश सहायता के माध्यम से इस मिशन का उद्देश्य ग्रामीण गरीबों को स्थायी आजीविका संवर्द्धन और वित्तीय सेवाओं तक उनकी बेहतर पहुंच के माध्यम से घरेलू आय बढ़ाने हेतु उनको सक्षम बनाकर उनका एक कुशल और प्रभावी संस्थागत आधार तैयार करना है। इस मिशन का वेबसाइट लिंक https://nrlm.gov.in/outerReportAction.do?methodName=showIndex#gsc.tab=0 |
7 | पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) | ग्रामीण विकास मंत्रालय | ग्रामीणविकासमंत्रालय (एमओआरडी) ने दिनांक25सितंबर2014कोदीनदयालउपाध्यायग्रामीणकौशल्यायोजना (डीडीयू-जीकेवाई) अंत्योदयदिवसकीघोषणाकी थी।डीडीयू-जीकेवाई राष्ट्रीयग्रामीणआजीविकामिशन (एनआरएलएम) काएकभागहै, जिसकादोहराउद्देश्यग्रामीणगरीबपरिवारोंकीआयमेंविविधतालानाऔरग्रामीणयुवाओंकीकरियरआकांक्षाओंकोपूराकरना। इसयोजनाकावेबसाइटलिंक पं. दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) है। |
8 | ग्रामीण स्वरोजगार और प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) | ग्रामीण विकास मंत्रालय | आरएसईटीआई (ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान) कार्यक्रम ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी), भारत सरकार, राज्य सरकारों और प्रायोजक बैंकों के बीच एक तीन-तरफा साझेदारी है।बैंकों द्वारा ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार/उद्यमिता उपक्रम शुरू करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करनेहेतु अपने प्रमुख जिले में कम से कम एक आरएसईटीआई खोलना अनिवार्य है। आरएसईटीआईकार्यक्रम, उद्यमियों के अल्पकालिक प्रशिक्षण और दीर्घकालिक हैंडहोल्डिंग के दृष्टिकोण के साथ काम करता है। 18-45 वर्ष आयु वर्ग के ग्रामीण गरीब युवा, प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए पात्र हैं। ग्रामीण गरीब युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने और उन्हें संबंधित विषयतथा उद्यमशीलता कौशलता में प्रशिक्षण देकर उनको लाभदायक उद्यमी बनाने में आरएसईटीआई की अग्रणी भूमिका है। इसका विवरण वेबसाइट http://nirdpr.org.in/rseti/index.aspxपर है| |
9 | पीएम- स्वनिधि योजना | आवास और शहरी मामले मंत्रालय | प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्म निर्भर निधि (पीएम स्वनीधि) योजना का उद्देश्यशहरी क्षेत्रों में उन स्ट्रीट वेंडरों को जमानत मुक्त कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करना था जोकोविड-19 के चलते लॉक-डाउन के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुएउनके व्यवसायों को फिर से शुरू करने के लिए यह योजना01 जून, 2020 से शुरू की गई है। इस योजना का विवरण वेबसाइट https://pmsvanidhi.mohua.gov.in/ पर है| |
10 | दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) | आवास और शहरी मामले मंत्रालय | यह मिशन,शहरी गरीब परिवारों को लाभकारी स्वरोजगार और कुशल मजदूरी रोजगार के अवसरों तक पहुंचने में सक्षम बनाकर, उनकी गरीबी और असुरक्षा को कम करने के लिए लाया गयाताकि स्वरूप गरीबों के जमीनी स्तर के मजबूत संस्थानों के निर्माण के माध्यम से स्थायी आधार पर उनकी आजीविका में उल्लेखनीय सुधार हो। इस मिशन का उद्देश्य शहरी बेघरों को चरणबद्ध तरीके से आवश्यक सेवाओं सहित आश्रय प्रदान करना है। इसके अलावामिशन, शहरी स्ट्रीट वेंडरों कोउपयुक्त स्थान, संस्थागत ऋण, सामाजिक सुरक्षा और कौशल तक पहुंच की सुविधा देकर उनकीआजीविका संबंधी समस्याओंका भी निपटान करेगाताकिनए बाजार अवसरों तक उनकी पहुँच हो। योजना के लिए वेबसाइट https://nulm.gov.in/ है। |
11 | प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) | सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय | प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) का एक प्रमुख क्रेडिट-लिंक्ड आर्थिक सहायता कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यम स्थापित करके परम्परागत शिल्पकारों और बेरोजगार युवाओं हेतु स्व-रोजगार के अवसर सृजित करके उनकी सहायता करना है। इसका विवरण वेबसाइट https://msme.gov.in/1-prime-ministers-Employment-generation-programme-pmegp परदिया गया है| |
12 | प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) | वित्त मत्रांलय | प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई),गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषिलघु / सूक्ष्म उद्यमोंको10 लाख तक ऋण प्रदान करने के लिए 8 अप्रैल, 2015 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई एक योजना है। इन ऋणों को पीएमएमवाई के तहत मुद्रा ऋणों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये ऋण वाणिज्यिक बैंक, आरआरबी, लघुवित्तबैंक, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा दिए जातेहैं। उधार कर्ता ऊपर उल्लिखित किसी भी ऋण देने वाली संस्था से संपर्क कर सकता है या इस पोर्टलwww.udyamimitra.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। पीएमएमवाई के तत्वावधान में, मुद्रा ने लाभार्थी सूक्ष्म इकाई / उद्यमीकी प्रगति/विकास और वित्तपोषण की जरूरतों के चरणों को दर्शाने के लिए 'शिशु', 'किशोर' और 'तरुण' नामकतीन उत्पाद बनाए हैं और ये क्रमिक वृद्धि/वृद्धि के अगले चरण के लिए एक संदर्भ बिंदु भी प्रदान करते हैं।इस योजना की वेबसाइट https://www.mudra.org.in/ है। |
13 | प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) | कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय | प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) की फ्लैगशिप योजना है। जिसका कार्यान्वयन राष्ट्रीय कौशल विकास कारपोरेशन द्वारा किया जा रहा है। इस कौशल प्रमाणीकरण योजना का उद्देश्य, युवाओं को उद्योग-संबंधी कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करवाना है, जो बेहतर आजीविका प्राप्त करने और उनके रोजगार तथा स्व-रोजगार की आवश्यकता को पूर्ण करने में सहायता करेगी। इस योजना का विवरण वेबसाइट https://www.pmkvyofficial.org/ पर है| |
14 | राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस) | कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय | वित्तीय प्रोत्साहन, प्रौद्योगिकी और पक्ष समर्थन प्रदान करके देश में शिक्षुता को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा अगस्त 2016 में एनएपीएस की शुरुआत की गई थी। इस योजना के निम्नलिखित दो घटक हैं 1. नियोक्ताओं के साथ निर्धारित वजीफा के25% हिस्से अधिकतम रु. 1500/- प्रति माह प्रति प्रशिक्षु की भागीदारी। 2. बुनियादी प्रशिक्षण लागत को साझा करने के लिए प्रति प्रशिक्षु अधिकतम 7,500 रु. की भागीदारी। योजना का विवरण वेबसाइट https://msde.gov.in/en/schemes-initiatives/apprenticeship-training/naps पर है| |
15 | उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना | 13 मंत्रालय | माननीय वित्त मंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय विनिर्माण चैंपियन बनाने और देश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने हेतु13 प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की है। इस योजना का विवरण वेबसाइट: https://www.investindia.gov.in/production-linked-incentives-schemes-india पर है। |
16 | पीएम गतिशक्ति - मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान | वर्तमान में 21 मंत्रालय/विभाग इसमें शामिल हैं। | पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (पीएमजीएस-एनएमपी) दिनांक 13 अक्टूबर 2021 को विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने दिनांक 21 अक्टूबर 2021 को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के कार्यान्वयन को मंजूरी दी। पीएम गतिशक्ति, आर्थिक विकास और सतत विकास के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण है। यह दृष्टिकोण, 7 घटकों नामतः रेलवे, सड़कें, बंदरगाह, जलमार्ग, हवाई अड्डे, जन परिवहन और रसद अवसंरचना द्वारा संचालित है। इसका विवरण वेबसाइट: https://dpiit.gov.in/logistics-division पर है। |
सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जिनमें उत्पादक रोजगार के अवसर सृजित करने की क्षमता है।
क्र.सं. | योजना / कार्यक्रम का नाम | मंत्रालय | टिप्पणी |
1 | डिजिटल इंडिया | इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय | डिजिटल इंडिया, भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने की दृष्टि से भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है। इस योजना का विवरण वेबसाइट https://www.digitalindia.gov.in/ पर है। |
2 | अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) | आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय | अमृत मिशन, घरों को बुनियादी सेवाएं (जैसे जल आपूर्ति, सीवरेज, शहरी परिवहन) प्रदान करना और शहरों में सुविधाओं का निर्माण करना है जो सभी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेगा, विशेषकर गरीबों और वंचितों के लिए यह एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है। इस योजना का विवरण वेबसाइट:कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (अमृत) पर उपलब्ध है। |
3 | मेक इन इंडिया | वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय | मेक इन इंडिया' पहल 25 सितंबर, 2014 को निवेश की सुविधा, नवाचार को बढ़ावा देने, श्रेणी के बुनियादी ढांचे में सर्वश्रेष्ठ निर्माण और भारत को विनिर्माण, डिजाइन और नवाचार का केंद्र बनाने के लिए शुरू की गई थी। यह अनूठी ''वोकल फॉर लोकल'' पहलों में से एक है जिसने भारत के विनिर्माण क्षेत्र को दुनिया में बढ़ावा दिया। इसका विवरण वेबसाइट https://www.makeinindia.com/ पर है| |
4 | स्मार्ट सिटीज | आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय | स्मार्ट सिटी मिशन को माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 25 जून, 2015 को शुरू किया गया था। मिशन का मुख्य उद्देश्य उन शहरों को बढ़ावा देना है जो मुख्य बुनियादी ढांचा, स्वच्छ और सतत वातावरण प्रदान करते हैं और 'स्मार्ट सोलूशन' के उपयोग के माध्यम से अपने नागरिकों को जीवन की एक अच्छी गुणवत्ता प्रदान करते हैं। । मिशन का उद्देश्य शहर के सामाजिक, आर्थिक, भौतिक और संस्थागत स्तंभों पर व्यापक कार्य कर के आर्थिक विकास और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। अन्य महत्वाकांक्षी शहरों के लिए, प्रकाशस्तंभ के रूप में कार्य करने वाले प्रतिकृति मॉडल के निर्माण द्वारा सतत और समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। दो चरणों की प्रतियोगिता के माध्यम से 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए चुना गया है। इसका विवरण वेबसाइट https://smartcities.gov.in पर उपलब्ध है| |
5 | श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन | ग्रामीण विकास मंत्रालय | श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) ग्रामीण समुदाय के जीवन के सार को संरक्षित और पोषित करने वाले गांवों के समूह के विकास की दृष्टि का अनुसरण करता है, जो प्रकृति में अनिवार्य रूप से शहरी मानी जाने वाली सुविधाओं के साथ समझौता किए बिना समानता और समावेशिता पर ध्यान केंद्रित करता है, इस प्रकार "रुर्बन गांवों" का एक समूह बनाता है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) का उद्देश्य, स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना, बुनियादी सेवाओं को बढ़ाना और सुनियोजित रुर्बन क्लस्टर बनाना है। इस योजना का विवरण वेबसाइट https://rurban.gov.in/#gsc.tab=0 पर है| |
6 | राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर | वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय | राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोरविकास कार्यक्रम, भारत का सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा कार्यक्रम है जिसका लक्ष्य भारत में भविष्य के औद्योगिक शहरों को विकसित करना है जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ विनिर्माण और निवेश स्थलों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आर्थिक विकास होगा जिससे समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास होगा। इसका विवरण वेबसाइट: https://www.nicdc.in/ पर है। |
7 | स्टैंड अप इंडिया योजना | वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय | स्टैंड-अप इंडिया योजना, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और/या महिला उद्यमियों के वित्तपोषण के लिए है। स्टैंड-अप इंडिया योजना का उद्देश्य, एक ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने के लिए कम से कम एक अनुसूचित जाति (एससी) या अनुसूचित जनजाति (एसटी) उधारकर्ता और कम से कम एक महिला उधारकर्ता को 10 लाख से 1 करोड़ के बीच बैंक ऋण की सुविधा प्रदान करना है। यह उद्यम, विनिर्माण, सेवाओं, कृषि संबंधी गतिविधियों या व्यापारिक क्षेत्र में हो सकता है। गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में, कम से कम 51% शेयरधारिता और नियंत्रण हिस्सेदारी अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए। इस योजना का विवरण वेबसाइट https://www.standupmitra.in पर है| |
8 | स्टार्ट-अप इंडिया | वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय | स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य स्टार्टअप संस्कृति को उत्प्रेरित करना और भारत में नवाचार और उद्यमिता के लिए एक मजबूत और समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। इसका विवरण वेबसाइट:https://www.startupindia.gov.in/ पर है। |
9 | प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी | आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय | प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी, भारत सरकार का एक प्रमुख मिशन है जिसका क्रियान्वयन आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए), द्बारा किया जा रहा है, जिसकी शुरूआत 25 जून 2015 को की गई। इस मिशन के तहत वर्ष 2022 तक झुग्गी-झोपड़ी वासियों के साथ-साथ ईडब्ल्यूएस/ एलआईजी और एमआईजी श्रेणियों के लिए आवास की कमी को पूरा करते हुए, जब राष्ट्र अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरा करेगा, सभी पात्र शहरी परिवारों को पक्के घर उपलब्ध करवाये जाने का लक्ष्य है। पीएमएवाई(यू) एक मांग संचालित दृष्टिकोण को अपनाता है जिसमें आवासो की कमी का आकलन, राज्यों/संघ शासित प्रदेशों द्वारा मांग सर्वेक्षण के आधार पर किया जाता है। राज्य स्तरीय नोडल एजेंसियां (एसएलएनए), शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी)/ कार्यान्वयन एजेंसियां (आईए), केंद्रीय नोडल एजेंसियां (सीएनए) और प्राथमिक ऋणदाता संस्थान (पीएलआई) मुख्य स्टेक होल्डर हैं जो पीएमएवाई (यू) के कार्यान्वयन और सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस योजना का विवरण वेबसाइट https://pmay-urban.gov.in/about पर है| |
10 | स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण | जल शक्ति मंत्रालय | भारत के प्रधान मंत्री ने 2 अक्टूबर 2014 को सार्वभौमिक स्वच्छता हेतु प्रयासों में तेजी लाने और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए, स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया था। इस मिशन के तहत, सभी गांवों, ग्राम पंचायतों, जिलों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ग्रामीण भारत में 100 मिलियन से अधिक शौचालयों का निर्माण करके महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर 2019 तक स्वयं को "खुले में शौच मुक्त" (ओडीएफ) घोषित किया। इसका विवरण वेबसाइट https://swachhbharatmission.gov.in/sbmcms/index.htmपर उपलब्ध है| |
11 | स्वच्छ भारत मिशन - शहरी (एसबीएम-यू) | आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय | स्वच्छ भारत मिशन - शहरी (एसबीएम-यू), 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य शहरी भारत को खुले में शौच से मुक्त करना और देश के 4,041 सांविधिक शहरों में नगरपालिका ठोस कचरे का 100% वैज्ञानिक प्रबंधन करना है। इस मिशन के उद्देश्य खुले में शौच का उन्मूलन, हाथ से मैला ढोने का उन्मूलन, आधुनिक और वैज्ञानिक नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ठोस स्वच्छता प्रथाओं के संबंध में व्यवहार परिवर्तन, स्वच्छता के बारे में जागरूकता पैदा करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य के साथ इसके संबंध, बनाना, यूएलबी के लिए क्षमता वृद्धि, कैपेक्स (पूंजीगत व्यय) और ओपेक्स (संचालन और रखरखाव) में निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना है। इसका विवरण वेबसाइट https://mohua.gov.inपर उपलब्ध है| |
12 | प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) | श्रम और रोजगार मंत्रालय | सरकार भारत ने, 26.03.2020 को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में गरीबों की मदद करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। उक्त पैकेज के एक भाग के रूप में, केंद्र सरकार ने यह प्रस्ताव किया है कि वह अगले तीन महीनों के लिए पंद्रह हजार रुपये प्रति माह से कम पाने वाले वेतनभोगियों के ईपीएफ खातों में, मासिक वेतन के 24 प्रतिशत का भुगतान करेगी , https://www.epfindia.gov.in/site_en/index.php | |
क्र.सं. | योजनाओं / कार्यक्रमों के नाम | मंत्रालय | टिप्पणी | |
1 | प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम): | श्रम और रोजगार मंत्रालय | भारत सरकार ने असंगठित श्रमिकों के लिए वृद्धावस्था सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम) नामक एक पेंशन योजना असंगठित श्रमिकों के लिए शुरू की है। इस योजना के ब्यौरा वेबसाइट https://labour.gov.in/pm-sym पर है। | |
2 | व्यापारियों और स्व-नियोजित व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस-व्यापारी) | श्रम और रोजगार मंत्रालय | यह योजना खुदरा व्यापारियों / दुकानदारों और स्वरोजगार करने वाले व्यक्तियों की वृद्धावस्था सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए है, जिनका वार्षिक कारोबार 1.5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है।ये खुदरा व्यापारी / दुकानदार और स्व-नियोजित व्यक्ति ज्यादातर दुकान मालिक, खुदरा व्यापारी, चावल मिल मालिक, तेल मिल मालिक, कार्यशाला मालिक, कमीशन एजेंट, अचल संपत्ति के दलाल, छोटे होटल, रेस्तरां और अन्य लघु व्यापारियों के मालिक के रूप में काम कर रहे हैं।इस योजना के लिए वेबसाइट https://labour.gov.in/nps-traders है। |
|
3 | प्रधानमंत्री जी वनज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) | वित्त मत्रांलय | पीएमजेजेबीवाई, 18 से 50 वर्ष के आयु समूह वाले उन व्यक्तियों के लिए उपलब्धहै जिनके पास एक बैंक खाता हो और जो इस योजना से जुड़ने / अपने खाते से ऑटो-डेबिट करने के लिए सहमति देते हैं। 2 लाख रूपये का जीवन सुरक्षा 1 जूनसे 31 मई तक की एक वर्ष की समयावधि के लिए है और यह नवीकरणीय है। इस योजना के तहत, किसी भी कारण वश बीमाकृत व्यक्ति के मृत्यु के मामले में जोखिम सुरक्षा 2 लाख रूपये की है। प्रीमियम की राशि प्रति वर्ष 330 रूपये है जिसे अभिदाताके द्वारा दिए गए विकल्प के अनुसार बैंक खाते से एक किश्त में ही प्रत्येक वार्षिक सुरक्षा समया वधिपर योजना केतहत 31 मई को या उससे पहले ऑटो-डेबिट किया जाना है।यह योजना, जीवन बीमा निगम तथा अन्य सभी जीवन बीमा कर्ताओं द्वारा जो इस उद्देश्य के लिए बैंकों के साथ इन्हीं शर्तों पर आवश्यक अनुमोदन तथा सहमति से उत्पाद की पेशकश करने के इच्छुक हैं, पेशकश की जा रही है।इसकी वेबसाइट https://financialservices.gov.in/insurance- divisions/Government-Sponsored-Socially-Oriented-Insurance-Schemes/Pradhan-Mantri-Jeevan-Jyoti-Bima-Yojana(PMJJBY) है। |
|
4 | प्रधानमंत्रीसुरक्षाबीमायोजना (पीएमएसबीवाई) | वित्त मत्रांलय | यह योजना, एक बैंक खाता रखने वाले 18 से 70 वर्ष की आयु वर्ग के उन लोगों के लिए है जो 1 जून से 31 मई की कवरेज अवधि के लिए योजना में शामिल होने / स्वंत: आहरण समर्थन को 31 मई या उससे पहले अपनी सहमति प्रदान करते हैं, यह वार्षिक नवीनीकरण आधार पर उपलब्ध है।बैंक खातों के लिए आधार प्राथमिक के वाई सी होगा।योजना के अंतर्गत दुर्घटना मृत्यु होने पर और पूर्ण विकलांगता के लिए जोखिम कवरेज 2 लाख रूपये तथा आंशिक विकलांगता पर जोखिम कवरेज 1 लाख रूपये है। खाता धारक के बैंकखाते से‘स्ववत: आहरण’ सुविधा के जरिए एक किस्त में 12 रुपये की वार्षिक प्रीमियम की कटौती की जानी है।यह योजना सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों या किसी अन्य साधारण बीमा कंपनी द्वारा जो इस उद्देश्य के लिए बैंकों के साथ इन्हीं शर्तों पर आवश्यक अनुमोदन तथा सहमति से उत्पाद की पेशकश करने को इच्छुक है, पेशकशकी जा रही है।इस की वेबसाइट https://financialservices.gov.in/insurance-divisions/Government-Sponsored-Socially-Oriented-Insurance-Schemes/Pradhan-Mantri-Suraksha-Bima-Yojana(PMSBY) है। |
|
5 | अटल पेंशन योजना | वित्त मत्रांलय | अटल पेंशन योजना (एपीवाई) को दिनांक 9.5.2015 को सभी भारतीयों, विशेष रूप से गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के निर्माण के उदेश्य से शुरू किया गया था। एपीवाई को पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा अभि शासित किया जाता है। इसकी वेबसाइट https://financialservices.gov.in/pension-reforms-divisions/Atal-Pension-Yojana है। |
|
6 | राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) | ग्रामीण विकास मंत्रालय | राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रशासित एक कल्याणकारी कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी लागू किया जा रहा है। एनएसएपी भारत के संविधान में निहित राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों की पूर्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो राज्य को अपने साधनों के भीतर कई कल्याणकारी उपाय करने का आदेश देता है।इस कार्यक्रम की वेबसाइट https://nsap.nic.in/circular.do?method=aboutus है। |
|
7 | आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) | परिवार स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय | यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यू-एच-सी) के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, भारत सरकार की एक प्रमुख योजना आयुष्मान भारत का प्रक्षेपण राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के द्वारा अनुशंसित किया गया।यह पहल, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) और इसकी रेखांकित प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए की गई है, जिसका उद्देश्य है की “कोई भी पीछे ना छूटे।” आयुष्मान भारत स्वास्थ्य से वावितरण के क्षेत्रीय और खंडित दृष्टिकोण से हटकर, एक व्यापक और अपेक्षित स्वास्थ्य सेवा की ओर बढ़ने का प्रयासहै।इस योजना का उद्देश्य प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली (प्रिवेन्शन, प्रमोशन एवं एंबुलेटरी केयर) को समग्रित रूप से तैयार करना है। इस योजना के लिए वेबसाइट https://pmjay.gov.in/about/pmjayहै। |
|
8 | नेशनल सफाई कर्मचारी फाइनैंस ऐंड डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनएसकेएफडीसी) | सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय | नेशनल सफाई कर्मचारी फाइनैंस ऐंड डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनएसकेएफडीसी), सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन (भारत सरकार उपक्रम), की स्थापना कम्पनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के तहत 24 जनवरी, 1997 को एक“ अलाभार्थ कम्पनी” के रूप में की गई थी। यह भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्वाधीन कम्पनी है।एनएस के एफडीसी पूरे भारत में सफाई कर्मचारियों / मैला उठाने वाले और उन के आश्रितों के सर्वांगीण सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक शीर्ष संस्था के रूप में कार्य रत है। लक्षित समूह के उत्थान हेतु ऋण आधारित एवं गैर-ऋण आधारित योजनाओं के क्रियान्वयन के अतिरिक्त एनएस के एफडीसी मै नुअलस्के वेंजिंग - छुआ छूत के सब से खराब मौजूद प्रतीक, के उन्मूलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एनएसकेएफडीसी को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत केन्द्रीय क्षेत्र की मैनुअल स्केवेंजरों हेतु स्वरोजगार एवं पुर्नवास योजना (एसआरएमएस) के क्रियान्वयन के लिए नोडल ऐजंसी बनाया गया है। इसकी वेबसाइट https://nskfdc.nic.in/ है। |
|
9 | हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के पुनर्वास हेतु स्व-रोजगार योजना (संशोधित) |
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय | हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के पुनर्वास हेतु स्वरोजगार योजना का आरंभ जनवरी 2007 से किया गया जिसका उद्देश्य हाथ से मैला उठाने वाले शेष कर्मियों तथा उन के आश्रितों को मार्च, 2009 तक वैकल्पिक पेशों में पुनर्वास करना था। तथापि, चूंकि इसे लक्षित तिथि तक पूरा नहीं किया जा सका, इस योजना की अवधि इस प्रावधान के साथ मार्च, 2010 तक बढ़ाई गई। यदि अपेक्षित हो, तो इस के बाद भी शेष बचे लाभार्थियों को कवर किया जाए।राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा रिपोर्ट की गई अद्यतन संख्या के अनुसार, इस योजना की शुरूआत होने के बाद 18 राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों में 1.18 लाख हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों की पहचान इस योजना के क्रियान्वयन हेतु की गई थी। हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 के अधिनियमन के पश्चात्, एसआरएमएस में संशोधन इस अधिनियम के उपबंधों के अनुसार किया गया था। संशोधित योजना के अनुसार, प्रत्येक परिवार से एक अभिज्ञात मैनुअल स्केवेंजर को एक बार गीन कद सहायता प्रदान की जाती है। अभिज्ञात मैनुअल स्केवेंजर तथा उन के आश्रितों को 3,25,000/- रुपए तक की परियोजना आधारित बैक– एण्ड पूंजी गत सब्सिडी और स्वरोजगार उद्यमों के लिए रियायती ब्याज दर पर ऋण प्रदान किए जाते हैं। लाभार्थियों को 2 वर्ष की अवधि के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है जिस के दौरान 3,000/- रुपए प्रतिमाह का वजीफा भी दिया जाता है। इस की वेबसाइट https://nskfdc.nic.in/ है। |
|
10 | हाथ से मैला ढोने वालों के पुनर्वास के लिए स्व-रोज़गार योजना (संशोधित) | सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय |
मैनुअल स्कैवेंजर्स (एसआरएमएस) के पुनर्वास के लिए स्व-रोजगार योजना जनवरी, 2007 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य मार्च, 2009 तक वैकल्पिक व्यवसायों में शेष मैनुअल स्कैवेंजर्स और उनके आश्रितों का पुनर्वास करना था। हालांकि, चूंकि यह लक्ष्य तिथि तक नहीं किया जा सका, इसलिए योजना को मार्च, 2010 तक बढ़ा दिया गया था, यदि आवश्यक हो तो उसके बाद भी लाभार्थियों के स्पिल-ओवर के कवरेज के प्रावधान के साथ। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा रिपोर्ट की गई अद्यतन संख्या के अनुसार, योजना के शुभारंभ के बाद, योजना के कार्यान्वयन के लिए 18 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 1.18 लाख मैनुअल मैला ढोने वालों और उनके आश्रितों की पहचान की गई थी। 'मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013' के अधिनियमन के बाद, एसआरएमएस को अधिनियम के प्रावधान के साथ सिंक्रनाइज़ेशन में संशोधित किया गया था। संशोधित योजना के अनुसार, पहचाने गए मैनुअल स्कैवेंजर्स, प्रत्येक परिवार से एक को एकमुश्त नकद सहायता प्रदान की जाती है। पहचाने गए मैनुअल स्कैवेंजर्स और उनके आश्रितों को परियोजना आधारित बैक-एंडेड पूंजी सब्सिडी रुपये तक प्रदान की जाती है। स्व-रोजगार उद्यम शुरू करने के लिए 3,25,000 रुपये और रियायती ऋण। लाभार्थियों को कौशल विकास के लिए दो साल तक की अवधि के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है, जिसके दौरान रुपये का वजीफा दिया जाता है। 3,000 प्रति माह भी प्रदान किया जाता है। वेबसाइट |
|
11 | सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) | उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय | सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) सस्ती कीमतों पर खाद्यान्न के वितरण के माध्यम से अभाव के प्रबंधन की एक प्रणाली के रूप में विकसित हुई। पिछले कुछ वर्षों में, पीडीएस देश में खाद्य अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के लिए सरकार की नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। पीडीएस अपनी प्रकृति में पूरक है और इसका उद्देश्य किसी घर या समाज के एक वर्ग को इसके तहत वितरित किसी भी वस्तु की संपूर्ण आवश्यकता को उपलब्ध कराना नहीं है। पीडीएस का संचालन केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त जिम्मेदारी के तहत किया जाता है। केंद्र सरकार ने, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से खाद्यान्न की खरीद, भंडारण, परिवहन और राज्य सरकारों को थोक आवंटन की जिम्मेदारी संभाली है। राज्य के भीतर आवंटन, पात्र परिवारों की पहचान, राशन कार्ड जारी करने और उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) के कामकाज की निगरानी आदि सहित परिचालन संबंधी जिम्मेदारी राज्य सरकारों के पास है। इसकी वेबसाइट https://dfpd.gov.in/pd-Introduction.htmहै। | |
12 | प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) | ग्रामीण विकास मंत्रालय | पीएमएवाई-जी का लक्ष्य वर्ष 2022 तक सभी बेघर गृहस्थों और कच्चे तथा जीर्ण-शीर्ण घर में रहने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ एक पक्का घर उपलब्ध कराना है। इसका तत्काल उद्देश्य, तीन वर्ष अथार्त वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018- 19 में, कच्चे घर / जीर्ण-शीर्ण घर में रहने वाले 1.00 करोड़ परिवारों को कवर करना है। स्वच्छ खाना पकाने की जगह सहित घर का न्यूनतम आकार 25 वर्ग मीटर (20 वर्ग मीटर से) तक बढ़ा दिया गया है। यूनिट सहायता, समतल-प्रदेश में 70,000 रुपये से रु. 1.20 लाख तथा पहाड़ी राज्यों, दुर्गम क्षेत्रों और आईएपी जिलों में 75,000 रुपये से बढ़ाकर 1.30 लाख रुपये कर दी गई है। इसकी वेबसाइट pmayg.nic.in है । | |
13. | प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना | कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय |
|