भारत सरकार की रोजगार सृजन योजनाएँ/कार्यक्रम

रोजगार सृजन के साथ-साथ नियोजनीयता में सुधार करना सरकार की प्राथमिकता है। तदनुसार, भारत सरकार ने देश में रोजगार सृजन के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। इन प्रयासों में देश को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए विभिन्न दीर्घकालिक योजनाएं/कार्यक्रम/नीतियां शामिल हैं। सरकार की रोजगार सृजन योजनाओं/रोजगार संवर्धन कार्यक्रमों के बारे में उनकी वेबसाइट के ब्यौरे सहित संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है।

दिनांक 03.07.2025 को अद्यतित

भारत सरकार की रोजगार सृजन योजनाएँ/कार्यक्रम
क्र.सं. योजना/कार्यक्रम का नाम मंत्रालय/विभाग टिप्पणी
1 आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय 1 अक्टूबर, 2020 से आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना (एबीआरवाई) नियोक्ताओं को कोविड-19 महामारी के दौरान रोज़गार के नुकसान की भरपाई और नए रोज़गार सृजन के लिए प्रोत्साहित करने हेतु शुरू की गई थी। लाभार्थियों के पंजीकरण की अंतिम तिथि 31.03.2022 थी। 31 मार्च, 2022 तक पंजीकृत लाभार्थियों को योजना के तहत पंजीकरण की तिथि से 2 वर्षों तक लाभ मिलता रहा। योजना की शुरुआत से लेकर 31.03.2024 तक, देश भर में 60.49 लाख लाभार्थियों को लाभ प्रदान किया जा चुका है। इस योजना का वेबसाइट का लिंक https://labour.gov.in/aatmanirbhar-bharat-rojgar-yojana-abryहै।
2 प्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय नए रोजगार सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) 1.4.2016 से शुरू की गई थी। दिनांक 31 मार्च, 2019 तक पंजीकृत लाभार्थियों को योजना के तहत पंजीकरण की तारीख से 3 साल तक अर्थात दिनांक 31 मार्च, 2022 तक लाभ मिलता रहा। इस योजना का वेबसाइट लिंक https://www.india.gov.in/spotlight/pradhan-mantri-rojgar-protsahan-yojana-pmrpy है।
3 राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) योजना श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार का श्रम और रोजगार मंत्रालय राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल चला रहा है, जो निजी और सरकारी क्षेत्रों की नौकरियों, ऑनलाइन और ऑफलाइन रोजगार मेलों की जानकारी, नौकरी खोज और मिलान, करियर परामर्श, व्यावसायिक मार्गदर्शन, कौशल विकास पाठ्यक्रमों की जानकारी, कौशल/प्रशिक्षण कार्यक्रम आदि सहित करियर से संबंधित सेवाएं एक डिजिटल प्लेटफॉर्म [www.ncs.gov.in] के माध्यम से प्रदान करने के लिए वन-स्टॉप समाधान है। इस योजना की वेबसाइट https://www.ncs.gov.in/है।
4 महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजी एनआरईजीएस) ग्रामीण विकास मंत्रालय महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी एनआरईजीएस) मांग आधारित वेतन रोजगार कार्यक्रम है जिसमें प्रत्येक परिवार, जिसके वयस्क सदस्य अप्रशिक्षित/अकुशल शारीरिक श्रम करने के स्वेच्छा से इच्छुक हैं, को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में कम से कम सौ दिनों का गारंटीशुदा वेतन रोजगार प्रदान करके देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा बढ़ाने का प्रावधान है। यह आजीविका सुरक्षा प्रदान करता है अर्थात् जब रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध न हों तो ग्रामीण परिवारों के पास आजीविका उपार्जन का यह विकल्प उपलब्ध रहे। https://nrega.nic.in/MGNREGA_new/Nrega_home.aspx
5 प्रधान मंत्री गरीब कल्याण रोज़गार अभियान (पीएमजीकेआरए) ग्रामीण विकास मंत्रालय गरीब कल्याण रोज़गार अभियान (जीकेआरए) एक 125-दिवसीय अभियान है जो माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 20 जून, 2020 को शुरू किया गया था तथा जिसका उद्देश्य एक बहुआयामी रणनीति अपना कर पलायन कर रहे प्रवासी श्रमिकों और कोविड-19 महामारी से प्रभावित ग्रामीण आबादी की समस्याओं का समाधान करते हुए संकटग्रस्त लोगों को तत्काल रोज़गार और आजीविका के अवसर प्रदान करना, गाँवों में सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे की परिपूर्णता और आजीविका के साधनों का निर्माण करना ताकि आय सृजन गतिविधियों को बढ़ावा मिले और दीर्घकालिक आजीविका के अवसरों में वृद्धि करते हुए 6 राज्यों के 116 चयनित जिलों में 50,000 करोड़ रुपये के संसाधन वाले 25 निर्माण कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस योजना का वेबसाइट लिंक https://rural.nic.in/en/press-release/garib-kalyan-rojgar-abhiyanहै।
6 आजीविका - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) ग्रामीण विकास मंत्रालय दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित एक प्रमुख गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य गरीब परिवारों को लाभकारी स्वरोजगार और कुशल मजदूरी रोजगार के अवसरों के लिए सक्षम बनाकर गरीबी को कम करना है जिसके परिणामस्वरूप गरीबों के लिए सतत और विविध आजीविका विकल्प उपलब्ध होंगे। यह गरीबों की आजीविका में सुधार के लिए दुनिया की सबसे बड़ी पहलों में से एक है। यह मिशन चार मुख्य घटकों अर्थात (क) ग्रामीण गरीब महिलाओं की सामाजिक गतिशीलता और उनके स्व-प्रबंधित और वित्तीय रूप से टिकाऊ सामुदायिक संस्थानों को बढ़ावा देना और मजबूत करना; (ख) वित्तीय समावेशन; (ग) सतत आजीविका; और (घ) सामाजिक समावेश, सामाजिक विकास और अभिसरण के माध्यम से अधिकारों तक पहुंच में कार्य करके अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहता है। इस मिशन का उद्देश्य 2022-23 तक चरणबद्ध तरीके से लगभग 10 करोड़ ग्रामीण गरीब परिवारों तक पहुँचना और उनकी आजीविका में महत्वपूर्ण बदलाव लाना है। इस मिशन का वेबसाइट लिंक https://aajeevika.gov.in/about/introductionहै।
7 पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) ने 25 सितंबर 2014 को अंत्योदय दिवस पर दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) की घोषणा की। डीडीयू-जीकेवाई राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का एक हिस्सा है, जिसे ग्रामीण गरीब परिवारों की आय में विभिन्न अवसर जोड़ने और ग्रामीण युवाओं की करियर संबंधी आकांक्षाओं को पूरा करने के उद्देश्यों का दोहरा काम सौंपा गया है। डीडीयू-जीकेवाई विशिष्ट रूप से गरीब परिवारों के 15 से 35 वर्ष की आयु के ग्रामीण युवाओं पर केंद्रित है। स्किल इंडिया अभियान के एक भाग के रूप में, यह सरकार के सामाजिक और आर्थिक कार्यक्रमों जैसे मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटीज और स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया अभियानों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस योजना के लिए वेबसाइट लिंक http://ddugky.info/है।
8 ग्रामीण स्वरोजगार एवं प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण स्वरोजगार और प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) द्वारा वित्त पोषित एक बैंक संबद्ध प्रशिक्षण संस्थन है जिसे प्रायोजक बैंकों द्वारा अपने जिलों में कौशल और उद्यमिता विकास के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय आरएसईटीआई भवन के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है और ग्रामीण गरीब अभ्यार्थियों को प्रशिक्षण देने की लागत भी वहन करता है। आरएसईटीआई में स्वरोजगार या मजदूरी रोजगार करने की योग्यता रखने और संबंधित क्षेत्र में कुछ बुनियादी ज्ञान रखने वाला कोई भी 18-45 वर्ष के आयु वर्ग का बेरोजगार युवा प्रशिक्षण ले सकता है। कुछ प्रशिक्षित अभ्यार्थी नियमित वेतनभोगी नौकरी/मजदूरी रोजगार भी प्राप्त कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी वेबसाइटhttp://nirdpr.org.in/rseti/index.aspxपर उपलब्ध है।
9 पीएम- स्वनिधि योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना 1 जून, 2020 से शहरी क्षेत्रों में रेहड़ी-पटरी वालों को ज़मानत रहित कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करने के लिए शुरू की गई है ताकि वे अपना व्यवसाय फिर से शुरू कर सकें, जो कोविड-19 के लॉकडाउन के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इस योजना का विवरण वेबसाइट:https://pmsvanidhi.mohua.gov.in/पर उपलब्ध है।
10 दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय इस योजना का उद्देशय शहरी गरीब परिवारों को लाभप्रद स्वरोजगार और कुशल मजदूरी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उनकी गरीबी और असुरक्षा को कम करना है जिसके परिणामस्वरूप गरीबों क़े लिए मजबूत मूलभूत संस्थाओं के निर्माण के माध्यम से स्थायी आधार पर उनकी आजीविका में काफी सुधार होगा। मिशन का उद्देश्य चरणबद्ध तरीके से शहरी बेघरों को आवश्यक सेवाओं से सुसज्जित आश्रय प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त, इस मिशन से शहरी पथ विक्रेताओं को समुचित स्थलों, संस्थागत ऋण, सामाजिक सुरक्षा और कौशल प्रदान करके उभरते बाजार क़े अवसरों की उपलब्धता दिलवा कर आजीविका संबंधी चिंताओं को भी दूर किया जाएगा। इस योजना की वेबसाइट https://nulm.gov.in/है।
11 प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय एमएसएमई मंत्रालय, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के माध्यम से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) का कार्यान्वयन कर रहा है जो उद्यमियों की गैर-कृषि क्षेत्र में नई इकाइयों की स्थापना में सहायता करता है। इसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों/ग्रामीण और शहरी बेरोजगार युवाओं को उनके निवास स्थान पर रोजगार के अवसर प्रदान करना है। विस्तृत जानकारी वेबसाइट: https://msme.gov.in/1-prime-ministers-employment-generation-programme-pmegpपर देखी जा सकती है।
12 पीएम विश्वकर्मा योजना सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई पीएम विश्वकर्मा योजना 17.09.2023 को 18 ट्रेडों के कारीगरों और शिल्पकारों को एंड-टू-एंड (संपूर्ण) सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी जो अपने हाथों और उपकरणों से काम करते हैं। योजना के घटकों में पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता, कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, ऋण सहायता, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता शामिल हैं। योजनाओं का विवरण https://pmvishwakarma.gov.in/पर उपलब्ध है।
13 प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) वित्त मंत्रालय प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 8 अप्रैल, 2015 को गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों को 20 लाख रुपये तक (उन उद्यमियों के लिए जिन्होंने 'तरुण' श्रेणी के तहत पिछले ऋणों का सफलतापूर्वक भुगतान किया है) तक का ऋण प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजना है। इन ऋणों को पीएमएमवाई के तहत मुद्रा ऋण के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये ऋण वाणिज्यिक बैंकों, आरआरबी, लघु वित्त बैंकों, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा दिए जाते हैं। उधारकर्ता ऊपर उल्लिखित किसी भी ऋणदाता संस्थान से संपर्क कर सकता है या www.udyamimitra.in पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। पीएमएमवाई के तत्वावधान में, मुद्रा ने लाभार्थी माइक्रो यूनिट/उद्यमी की वृद्धि/विकास के चरण और वित्त पोषण आवश्यकताओं को दर्शाने के लिए 'शिशु', 'किशोर', 'तरुण' और 'तरुण प्लस' नामक चार उत्पाद बनाए हैं और स्नातक/विकास के अगले चरण के लिए एक संदर्भ बिंदु भी प्रदान करते हैं। इस योजना के लिए वेबसाइट https://www.mudra.org.in/ है।
14 प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) की एक प्रमुख योजना है जो 15 जुलाई 2015 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य संबंधित क्षेत्रों में उद्योगों की मांग के आधार पर राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) संरेखित नौकरी भूमिकाओं में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करके देश भर के अभ्यार्थियों की रोजगार क्षमता में सुधार करना था। इसमें दो प्रकार के प्रशिक्षण अर्थात् अल्पकालिक प्रशिक्षण (एसटीटी) और पूर्व शिक्षण की मान्यता (आरपीएल) प्रदान किये जाते हैं। अल्पकालिक प्रशिक्षण (एसटीटी) प्रमाणित अभ्यार्थियों की रोजगार क्षमता में सुधार करता है, जबकि पूर्व शिक्षण की मान्यता (आरपीएल) में अभ्यार्थियों में पहले से मौजूद कौशल के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया शामिल है और यह प्लेसमेंट से जुड़ा नहीं है। इस योजना के तीन संस्करणों, यानी पीएमकेवीवाई 1.0 (2015-16), पीएमकेवीवाई 2.0 (2016-20) और पीएमकेवीवाई 3.0 (2020-22) का कार्यान्वयन पूरा हो गया है। वर्तमान में, पूरे देश में पीएमकेवीवाई 4.0 (वित्त वर्ष 2022-26) अर्थात योजना का नवीनतम संस्करण कार्यान्वित किया जा रहा है। योजना का ब्यौरा इस वेबसाइट पर उपलब्ध है: https://www.msde.gov.in/offerings/schemes-and-services/details/pradhan-mantri-kaushal-vikas-yojana-4-0-pmkvy-4-0-2021-ITO3ATMtQWa
15 राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय एनएपीएस-2 देश में शिक्षुता प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। यह प्रशिक्षु अधिनियम, 1961 के तहत काम करने वाले प्रशिक्षुओं को आंशिक वजीफा सहायता प्रदान करता है। यह योजना शिक्षुता पारिस्थितिकी तंत्र की क्षमता बढ़ाने और हितधारकों को परामर्शी सहायता प्रदान करने पर भी काम करती है। इस योजना का ब्यौरा वेबसाइट https://www.msde.gov.in/offerings/schemes-and-services/details/national-apprenticeship-promotion-scheme-naps-YjM4ATMtQWa पर उपलब्ध है: योजना के अन्य विवरण भी इस वेबसाइट पर हैं: https://www.apprenticeshipindia.gov.in/
16 उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत के 'आत्मनिर्भर' बनने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं की घोषणा की गई। पीएलआई योजनाओं का उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रों और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में निवेश आकर्षित करना है; दक्षता सुनिश्चित करना और विनिर्माण क्षेत्र में मह्त्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं को लाना और भारतीय कंपनियों और निर्माताओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। इन योजनाओं में अगले पांच वर्षों या उससे आगे भी उत्पादन, रोजगार और आर्थिक विकास को काफी बढ़ावा देने की क्षमता है। यह 14 क्षेत्र इस प्रकार हैं : (i) मोबाइल विनिर्माण और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक घटक, (ii) क्रिटिकल की स्टार्टिंग मैटेरियल्स/ड्रग इंटरमीडियरीज और एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स, (iii) चिकित्सा उपकरणों का विनिर्माण (iv) ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, (v) फार्मास्यूटिकल्स ड्रग्स, (vi) स्पेशियलिटी स्टील, (vii) टेलीकॉम और नेटवर्किंग उत्पाद, (viii) इलेक्ट्रॉनिक/प्रौद्योगिकी उत्पाद, (ix) व्हाइट गुड्स (एसी और एलईडी), (x) खाद्य उत्पाद, (xi) कपड़ा उत्पाद: एमएमएफ खंड और तकनीकी वस्त्र (xii) उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल, (xiii) उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैटरी, और (xiv) ड्रोन और ड्रोन घटक। योजना का विवरण वेबसाइट पर है: https://www.myscheme.gov.in/schemes/dot-pli-scheme https://www.pib.gov.in/PressNoteDetails.aspx?NoteId=153454 https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2060117 https://www.investindia.gov.in/blogs/manufacturing-renaissance-through-pli-schemes
17 पीएम गतिशक्ति - मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय वर्तमान में इसमें 25 मंत्रालय/विभाग शामिल हैं। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 21 अक्टूबर 2021 को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के कार्यान्वयन को मंज़ूरी दे दी। पीएम गतिशक्ति आर्थिक विकास और सतत विकास के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण है। यह दृष्टिकोण 7 इंजनों द्वारा संचालित है, नामत: -
1. रेलवे 
2. सड़कें 
3. बंदरगाह 
4. जलमार्ग 
5. हवाई अड्डे 
6. जन परिवहन 
7. संभार अवसंरचना/ लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर 
यह सभी 7 इंजन इकट्ठे एक-दूसरे के संग मिल कर अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएंगे। इन इंजनों को ऊर्जा संचरण, आईटी संचार, थोक जल और सीवरेज और सामाजिक बुनियादी ढांचे की पूरक भूमिकाओं द्वारा समर्थित किया जाता है। यह दृष्टिकोण स्वच्छ ऊर्जा और सबका प्रयास द्वारा संचालित है - केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र के प्रयासों से - सभी के लिए, विशेष रूप से युवाओं के लिए रोजगार और उद्यमशीलता के बृहद् अवसर पैदा होते हैं। विवरण वेबसाइट पर है: https://dpiit.gov.in/logistics-division
18 भारतीय जूते और चमड़ा विकास कार्यक्रम (आईएफएलडीपी) उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय सरकार ने 19 जनवरी, 2022 को केंद्रीय क्षेत्र की योजना अर्थात् 'भारतीय फुटवियर और चमड़ा विकास कार्यक्रम (आईएफएलडीपी)' को 31.03.2026 तक या अगली समीक्षा तक, जो भी पहले हो, जारी रखने की मंजूरी दी है। आईएफएलडीपी में 06 उप योजनाएं शामिल हैं, (i) सतत प्रौद्योगिकी और पर्यावरण संवर्धन (एसटीईपी), (ii) चमड़ा क्षेत्र का एकीकृत विकास (आईडीएलएस), (iii) संस्थागत सुविधाओं की स्थापना (ईआईएफ), (iv) मेगा चमड़ा फुटवियर और सहायक कलस्टर विकास (एमएलएफएसीडी), (v) चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र में भारतीय ब्रांडों का ब्रांड संवर्धन और (vi) डिजाइन स्टूडियो का विकास। इनका विवरण वेबसाइट: https://dpiit.gov.in/indian-footwear-leather-and-accessories-development-program पर देखा जा सकता है।
19 प्रधानमंत्री मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान पार्क (पीएम-मित्र)/प्रधान मंत्री मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क (पीएम-मित्र) वस्त्र मंत्रालय प्रधानमंत्री मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान पार्क (पीएम-मित्र) योजना के तहत 7 मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएँगे। इसका उद्देश्य बुनाई और प्रसंस्करण क्षेत्र सहित वस्त्र उद्योग की संपूर्ण मूल्य-श्रृंखला के लिए एकीकृत, बड़े पैमाने पर और आधुनिक औद्योगिक अवसंरचना सुविधा विकसित करना है। इससे वस्त्र उद्योग का उत्पादन और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। विस्तृत जानकारी वेबसाइट: https://www.texmin.nic.in/sites/default/files/mitra_0.pdfपर देखी जा सकती है।
20 भविष्य कौशल प्राइम/फ्यूचर स्किल्स प्राइम इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने "फ्यूचर स्किल्स प्राइम" कार्यक्रम शुरू किया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित 10 नई/उभरती प्रौद्योगिकियों में रोजगारपरकता हेतु आईटी कर्मियों के पुनः-कौशल/अप-कौशलीकरण हेतु एक कार्यक्रम है। इस योजना की वेबसाइट https://futureskillsprime.in है।
21 रोजगार से संबद्ध प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना श्रम एवं रोजगार मंत्रालय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सभी क्षेत्रों में रोज़गार सृजन, रोज़गार क्षमता बढ़ाने और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए, विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए, रोज़गार से संबद्ध प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को मंज़ूरी दे दी है। इस योजना के तहत, जहाँ पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का वेतन (15,000 रुपये तक) मिलेगा, वहीं नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोज़गार सृजन के लिए दो साल तक की अवधि के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा, साथ ही विनिर्माण क्षेत्र के लिए लाभ को दो साल के लिए और बढ़ाया जाएगा। ईएलआई योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री द्वारा 4.1 करोड़ युवाओं को रोज़गार, कौशल विकास और अन्य अवसर प्रदान करने हेतु पाँच योजनाओं के पैकेज के एक हिस्से के रूप में की गई थी, जिसका कुल बजट परिव्यय 2 लाख करोड़ रुपये है। विवरण इस लिंक पर देखे जा सकते हैं: https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2141127
सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जिनमें लाभप्रद रोजगार के अवसर सृजन करने की क्षमता है
क्र.सं. योजना/कार्यक्रम का नाम मंत्रालय/विभाग टिप्पणी
1 डिजिटल इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय डिजिटल इंडिया भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे 1 जुलाई, 2015 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के दृष्टिकोण के साथ शुरू किया गया था। डिजिटल इंडिया सेवाओं के डिजिटल वितरण, डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार और रोजगार के अवसरों के माध्यम से सभी नागरिकों के जीवन में सुधार कर रहा है। इस योजना का विवरण वेबसाइट: https://www.digitalindia.gov.in/ पर उपलब्ध है।
2 अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार ने अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) शुरू किया है, जिसका उद्देश्य पानी की आपूर्ति, सीवरेज, शहरी परिवहन, पार्क जैसी बुनियादी नागरिक सुविधाएं प्रदान करना है ताकि सभी के लिए विशेष रूप से गरीबों और वंचितों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके। मिशन का फोकस अवसंरचना निर्माण पर है जिसमें नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने का प्रत्यक्ष प्रावधान है। "अमृत" मिशन का उद्देश्य (i) यह सुनिश्चित करना है कि हर घर में पानी की आपूर्ति और सीवरेज कनेक्शन के साथ एक नल तक पहुंच हो, (ii) हरियाली और अच्छी तरह से बनाए रखा खुले स्थानों जैसे पार्कों को विकसित करके शहरों के सुविधा मूल्य में वृद्धि करना, और (iii) सार्वजनिक परिवहन पर स्विच करके या गैर-मोटर चालित परिवहन के लिए सुविधाओं का निर्माण करके प्रदूषण को कम करना जैसे पैदल चलना और साइकिल चलाना। परियोजना के प्रमुख घटक प्राथमिकता के क्रम में जल आपूर्ति प्रणाली, सीवरेज, सेप्टेज, वर्षा जल निकासी, शहरी परिवहन, ग्रीन स्पेस और पार्क, सुधार प्रबंधन और समर्थन, क्षमता निर्माण आदि हैं। योजना का विवरण वेबसाइट: https://mohua.gov.in/cms/amrut.php पर उपलब्ध है
3 मेक इन इंडिया डीपीआईआईटी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय मेक इन इंडिया पहल 25 सितंबर, 2014 को निवेश को सुविधाजनक बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने, सर्वोत्तम बुनियादी ढांचे का निर्माण करने और भारत को विनिर्माण, डिजाइन और नवाचार के लिए एक केंद्र बनाने के लिए शुरू की गई थी। वर्तमान में, मेक इन इंडिया 2.0 विभिन्न मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकारों में कार्यान्वित 27 क्षेत्रों पर केंद्रित है। विस्तृत जानकारी वेबसाइट: https://www.makeinindia.com/ पर उपलब्ध है।
4 स्मार्ट सिटीज आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय स्मार्ट सिटीज मिशन 25 जून 2015 को माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य कुशल सेवाएं, मजबूत बुनियादी ढांचा और एक स्थायी वातावरण प्रदान करके 100 चयनित शहरों में जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है। स्मार्ट समाधानों के माध्यम से, मिशन शहरी विकास के सामाजिक, आर्थिक, भौतिक और संस्थागत स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करके आर्थिक विकास, समावेशिता और स्थिरता को बढ़ावा देना चाहता है। निवासियों की विविध आवश्यकताओं को संबोधित करके- आवास और परिवहन से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और मनोरंजन तक- मिशन गतिशील शहरी स्थान बनाने की इच्छा रखता है जो अपने नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए विकसित होंगे, जो अन्य शहरों के लिए प्रतिकृति मॉडल के रूप में कार्य करेंगे। विस्तृत जानकारी वेबसाइट: https://smartcities.gov.in/ पर उपलब्ध है। https://www.pib.gov.in/PressNoteDetails.aspx?NoteId=151908&ModuleId=3
5 श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन ग्रामीण विकास मंत्रालय श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) "गांवों के एक समूह के विकास के दृष्टिकोण का अनुसरण करता है जो अनिवार्य रूप से शहरी प्रकृति की मानी जाने वाली सुविधाओं के साथ समझौता किए बिना समानता और समावेशिता पर ध्यान केंद्रित करते हुए ग्रामीण सामुदायिक जीवन के सार को संरक्षित और पोषित करता है, इस प्रकार "रुर्बन गांवों" का एक समूह बनाता है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) का उद्देश्य स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना, बुनियादी सेवाओं को बढ़ाना और सुनियोजित रुर्बन समूहों का निर्माण करना है। योजना का ब्यौरा वेबसाइट पर है: https://rurban.gov.in/index.php/public_home/about_us#gsc.tab=0
6 राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडॉर विकास कार्यक्रम वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडॉर विकास कार्यक्रम भारत का सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढाँचा कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य भारत में भविष्य के औद्योगिक शहरों का विकास करना है जो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विनिर्माण और निवेश स्थलों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें। इससे रोज़गार के अवसर सृजित होंगे और आर्थिक विकास होगा जिससे समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। ब्यौरा वेबसाइट पर है: https://www.nicdc.in/
7 स्टैंड अप इंडिया योजना वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और/अथवा महिला उद्यमियों के वित्तपोषण के लिए स्टैंड-अप इंडिया योजना चलाई गई है। स्टैंड-अप इंडिया योजना का उद्देश्य ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने के लिए प्रत्येक बैंक शाखा से कम से कम एक अनुसूचित जाति (एससी) या अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उधारकर्ता और कम से कम एक महिला उधारकर्ता को 10 लाख से 1 करोड़ रुपये के बीच बैंक ऋण उपलब्ध कराना है। यह उद्यम विनिर्माण, सेवा, कृषि-संबद्ध गतिविधियों या व्यापार क्षेत्र में हो सकता है। गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में, कम से कम 51% शेयरधारिता और नियंत्रण हिस्सेदारी एससी/एसटी या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए। योजना का विवरण वेबसाइट: https://www.standupmitra.in/ पर उपलब्ध है।
8 स्टार्ट अप इंडिया डीपीआईआईटी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक पहल है। नवाचार, स्टार्टअप को बढ़ावा देने और देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के उद्देश्य से सरकार ने 16 जनवरी 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू की। विस्तृत जानकारी वेबसाइट: https://www.startupindia.gov.in/ पर उपलब्ध है।
9 प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय सभी के लिए आवास की सुविधा प्रदान करने के सरकार के विजन का अनुसरण करते हुए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार 25.06.2015 से प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू)-'सबके लिए आवास' मिशन लागू कर रही है। मूल मिशन अवधि 31.03.2022 तक थी जिसे योजना के वित्तपोषण पैटर्न और कार्यान्वयन पद्धति को बदले बिना 31.03.2022 तक स्वीकृत घरों को पूरा करने के लिए 31.12.2025 तक बढ़ा दिया गया है। सीएलएसएस वर्टिकल की वैधता 31.03.2022 तक थी। मिशन के अंतर्गत, मंत्रालय शहरी क्षेत्रों में स्लम वासियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय समूह (एलआईजी) और मध्यम आय समूह (एमआईजी) श्रेणियों से संबंधित अन्य लोगों की आवास आवश्यकता को पूरा करने के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को केन्द्रीय सहायता प्रदान कर रहा है। इसके अलावा, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधान मंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 को मंजूरी दी, जिसके तहत 1 सितंबर 2024 से शुरू होने वाले 5 वर्षों में शहरी क्षेत्रों में सस्ती कीमत पर घर बनाने, खरीदने या किराए पर लेने के लिए राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों (यूटी)/पीएलआई के माध्यम से 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। योजना का विवरण वेबसाइट:https://pmay-urban.gov.in/about पर है। https://pmaymis.gov.in/PMAYMIS2_2024/PmayUrban.aspx
10 स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण जल शक्ति मंत्रालय स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) [एसबीएम (जी)] 2 अक्टूबर, 2014 को सभी ग्रामीण परिवारों को शौचालयों तक पहुंच प्रदान करके 2 अक्टूबर, 2019 तक ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति प्राप्त करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। एसबीएम (जी) के तहत, स्वच्छता कवरेज 2014 में 39% से बढ़ाकर 2019 में 100% कर दिया गया था, जिसमें एसबीएम (जी) के चरण- I के तहत निर्मित 10 करोड़ से अधिक व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (आईएचएचएल) और देश के सभी गांवों ने 2 अक्टूबर, 2019 तक खुद को ओडीएफ घोषित कर दिया था। ओडीएफ स्थिति हासिल करने के बाद, एसबीएम (जी) का चरण- II 1 अप्रैल, 2020 से गांवों में ओडीएफ स्थिरता और ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) पर ध्यान केंद्रित करने के साथ यानी 2025-26 तक गांवों को ओडीएफ प्लस (मॉडल) में बदलने के लिए शुरू किया गया है । ओडीएफ प्लस प्रगति को तीन श्रेणियों में अर्थात आकांक्षी और बढ़ती (मध्यवर्ती श्रेणियां) और मॉडल (अंतिम श्रेणी) दर्ज किया गया है। विवरण वेबसाइट https://swachhbharatmission.gov.in/sbmcms/index.htm पर उपलब्ध है।
11 स्वच्छ भारत मिशन - शहरी (एसबीएम-यू), आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय स्वच्छ भारत मिशन - शहरी (एसबीएम-यू), 2 अक्टूबर 2014 को शहरी भारत को खुले में शौच से मुक्त बनाने और देश के 4,041 वैधानिक शहरों में नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के 100% वैज्ञानिक प्रबंधन को प्राप्त करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। एसबीएम-यू का दूसरा चरण 1 अक्टूबर 2021 को 5 साल (अक्टूबर 2026 तक) की अवधि के लिए लॉन्च किया गया था। एसबीएम-U 2.0 के लिए दृष्टिकोण 2026 तक सभी शहरों के लिए "कचरा मुक्त" स्थिति प्राप्त करना और नागरिकों के बीच 'स्वच्छ' व्यवहार को संस्थागत बनाना है। एसबीएम-यू 2.0 को आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों के माध्यम से सभी वैधानिक शहरों (जनगणना 2011 के अनुसार, और उसके बाद जोड़े गए वैधानिक शहरों) में लागू किया जाएगा। राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों और यूएलबी के साथ साझेदारी में भारत सरकार सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) 2030 की उपलब्धि में योगदान देने के लिए एसबीएम-शहरी 2.0 के तहत सभी शहरों को 'कचरा मुक्त' बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो अंततः शहरी आबादी के जीवन की गुणवत्ता और ईज़ ऑफ लिविंग में सुधार करेगा, इस प्रकार शहरी परिवर्तन की ओर बढ़ावा मिलेगा। ब्यौरा वेबसाइट पर उपलब्ध है: https://sbmurban.org/aboutUs https://mohua.gov.in/cms/swachh-bharat-mission.php#:~:text=The%20Swachh%20Bharat%20Mission%20%2D%20Urban,Elimination%20of%20open%20defecation
12 प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत, भारत सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के तहत 12% नियोक्ता के हिस्से और 12% कर्मचारी के हिस्से दोनों का योगदान दिया है, जो मार्च से अगस्त, 2020 तक 100 कर्मचारियों तक वाले प्रतिष्ठानों के लिए वेतन का कुल 24% है, जिसमें 90% कर्मचारी 15000/- रुपये से कम कमाते हैं। योजना का विवरण लिंक पर है: https://www.epfindia.gov.in/site_docs/PDFs/Circulars/Y2020-2021/SchemeCOVID_24_10042020.pdf https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1608345
ई-श्रम वेबसाइट से : सामाजिक सुरक्षा कल्याण योजनाएँ
क्र. सं. योजना/ कार्यक्रम का नाम मंत्रालय टिप्पणी
1 प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय

यह योजना असंगठित कामगारों (यूडब्ल्यू) की वृद्धावस्था सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए है जो ज़्यादातर रिक्शा चालक, रेहड़ी-पटरी वाले, मिड-डे मील कर्मचारी, सिर पर बोझा ढोने वाले, ईंट-भट्ठा कामगार, मोची, कचरा बीनने वाले, घरेलू कामगार, धोबी, घरेलू कार्य-आधारित कामगार, स्वयं-खाता कामगार, कृषि कामगार, निर्माण कामगार, बीड़ी कामगार, हथकरघा कामगार, चमड़ा कामगार, दृश्य-श्रव्य कामगार या इसी तरह के अन्य व्यवसायों में लगे हुए हैं। देश में ऐसे अनुमानित 42 करोड़ असंगठित कामगार हैं।

इस योजना का विवरण नीचे दी गई वेबसाइट पर दिया गया है: https://labour.gov.in/pm-sym https://maandhan.in/maandhan/login

2 व्यापारियों और स्व-नियोजित व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस-ट्रेडर्स) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय यह योजना उन खुदरा व्यापारियों/दुकानदारों और स्व-नियोजित व्यक्तियों की वृद्धावस्था सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए है जिनका वार्षिक कारोबार 1.5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है। ये खुदरा व्यापारी/दुकानदार और स्व-नियोजित व्यक्ति अधिकतर दुकान मालिक, खुदरा व्यापारी, चावल मिल मालिक, तेल मिल मालिक, वर्कशॉप मालिक, कमीशन एजेंट, रियल एस्टेट ब्रोकर, छोटे होटल, रेस्टोरेंट मालिक और अन्य लघु व्यापारी के रूप में कार्यरत हैं। इस योजना की वेबसाइट https://labour.gov.in/nps-traders है।
3 प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई वित्त मंत्रालय प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) एक बीमा योजना है जो किसी भी कारण से मृत्यु होने पर जीवन बीमा कवर प्रदान करती है। यह एक वर्षीय कवर है, जिसका नवीनीकरण हर साल किया जा सकता है। यह योजना बैंकों/डाकघरों में है और जीवन बीमा कंपनियों के माध्यम से संचालित होती है। 18 से 50 वर्ष की आयु के सभी व्यक्ति जो उन बैंकों/डाकघरों जहां वे आवेदन कर रहे हैं, के खाताधारक हैं, वे इसमें शामिल होने के हकदार हैं। इसकी वेबसाइट https://www.myscheme.gov.in/schemes/pmjjby https://jansuraksha.gov.in/FAQ.aspx है।
4 प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) वित्त मंत्रालय यह योजना अखिल भारतीय स्तर पर दिनांक 09.05.2015 को शुरू की गई थी और इस योजना से जुडने वाले 18 से 70 वर्ष की आयु के सभी बैंक खाताधारकों को 2 लाख रुपये (मृत्यु या स्थायी पूर्ण विकलांगता) और 1 लाख रुपये (स्थायी आंशिक विकलांगता) का एक वर्षीय नवीकरणीय दुर्घटना बीमा मिलता है। इसकी वेबसाइट https://www.myscheme.gov.in/hi/schemes/pmsby https://financialservices.gov.in/beta/en/pmsby है।
5 अटल पेंशन योजना वित्त मंत्रालय

अटल पेंशन योजना (एपीवाई) दिनांक 09.05.2015 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य सभी भारतीयों, विशेषकर गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली बनाना है। यह योजना 18-40 वर्ष की आयु के ऐसे सभी भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है, जिनका किसी बैंक या डाकघर में बचत खाता हो।

इसकी वेबसाइट https://financialservices.gov.in/beta/en/atal-pension-yojna https://www.myscheme.gov.in/schemes/apy 

https://jansuraksha.gov.in/FAQ.aspx है।

6 राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) ग्रामीण विकास मंत्रालय

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित एक कल्याणकारी कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी क्रियान्वित किया जा रहा है। एनएसएपी, भारत के संविधान में निहित राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों की पूर्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राज्य को अपने संसाधनों के भीतर अनेक कल्याणकारी उपाय करने का निर्देश देता है। इस प्रकार, वर्तमान में एनएसएपी में निम्नलिखित पांच योजनाएं शामिल हैं:- I. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना (आईजीएनओएपीएस)। II. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (आईजीएनडब्ल्यूपीएस)। III. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना (आईजीएनडीपीएस)। IV. राष्ट्रीय पारिवार लाभ योजना (एनएफबीएस)। V. अन्नपूर्णा योजना

इस कार्यक्रम की वेबसाइट https://www.dord.gov.in/offerings/schemes-and-services/details/national-social-assistance-programme-nsap-wN1cTNtQWa https://nsap.nic.in/circular.do?method=aboutus है।

7 आयुष्मान भारत -प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय

आयुष्मान भारत, पीएम-जेएवाई, दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसका उद्देश्य 12 करोड़ से अधिक गरीब और वंचित परिवारों (लगभग 55 करोड़ लाभार्थी) जो भारतीय आबादी का निचला 40% हिस्सा हैं, को माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवा के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है। इसमें शामिल परिवार, क्रमशः ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 (एसईसीसी 2011) के वंचित और व्यावसायिक मापदंडों पर आधारित हैं। पीएम-जेएवाई को पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) के नाम से जाना जाता था, जिसे बाद में नया नाम दिया गया। इसमें तत्कालीन राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) का समावेश कर दिया गया जिसे 2008 में शुरू किया गया था। इसलिए, पीएम-जेएवाई के अंतर्गत उल्लिखित कवरेज में वे परिवार भी शामिल हैं जो आरएसबीवाई के अंतर्गत आते थे, लेकिन एसईसीसी 2011 डेटाबेस में नहीं हैं। पीएम-जेएवाई पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्त पोषित है और इसके कार्यान्वयन की लागत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझा की जाती है।

इस योजना की वेबसाइट https://pmjay.gov.in/about/pmjay है।

8 बुनकरों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना (एचआईएस) वस्त्र मंत्रालय विकास आयुक्त कार्यालय (हस्तशिल्प)

हथकरघा बुनकरों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए वस्त्र मंत्रालय द्वारा 30.09.2014 तक स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की गई थी। यह स्वास्थ्य सेवा एक स्वास्थ्य बीमा कंपनी के माध्यम से प्रदान की गई थी, जिसका चयन खुली निविदा प्रक्रिया द्वारा किया गया था। स्वास्थ्य बीमा कंपनी को केवल वास्तविक नामांकन के अनुसार वार्षिक प्रीमियम का भुगतान किया गया था। बुनकरों द्वारा प्रस्तुत स्वास्थ्य बीमा दावों का भुगतान सीधे स्वास्थ्य बीमा कंपनी द्वारा किया गया था। भारत सरकार का विकास आयुक्त कार्यालय (हस्तशिल्प), हस्तशिल्प क्षेत्र के संवर्धन और विकास के लिए निम्नलिखित योजनाओं का कार्यान्वयन कर रहा है: • राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) • व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास योजना (सीएचसीडीएस) इसकी जानकारी नीचे दी गई वेबसाइट पर उपलब्ध है: https://pib.gov.in/Pressreleaseshare.aspx?PRID=1579532

 http://handicrafts.nic.in/schemes.aspx

9 राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम (एनएसकेएफडीसी) सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम (एनएसकेएफडीसी), सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन भारत सरकार का एक पूर्ण स्वामित्व वाला उपक्रम है, जिसकी स्थापना कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के अंतर्गत एक "गैर-लाभकारी" कंपनी के रूप में 24 जनवरी 1997 को की गई थी। एनएसकेएफडीसी अक्तूबर, 1997 से पूरे भारत में सफाई कर्मचारियों, सफाईकर्मियों और उनके आश्रितों के सर्वांगीण सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक शीर्ष निगम के रूप में कार्यरत है। एनएसकेएफडीसी की योजनाओं/कार्यक्रमों का कार्यान्वयन राज्य सरकारों/ संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) और राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा नामित राज्य चैनलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) के माध्यम से किया जाता है। एससीए/आरआरबी/राष्ट्रीयकृत बैंकों को, एनएसकेएफडीसी के लक्षित समूह को आगे वितरण हेतु रियायती ब्याज दरों पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसकी वेबसाइट https://socialjustice.gov.in/schemes/33 है।
10 राष्ट्रीय मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र योजना (नमस्ते) {पूर्व में , हाथ से मैला ढोने वालों के पुनर्वास हेतु स्वरोजगार योजना ( एस आर एम एस ) } सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के साथ मिलकर सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए जुलाई 2023 में राष्ट्रीय मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र (नमस्ते) योजना शुरू की है। इसका फोकस जोखिमपूर्ण सफाई की रोकथाम करना और प्रशिक्षित एवं प्रमाणित सफाई कर्मचारियों के माध्यम से सुरक्षित सफाई प्रथाओं को बढ़ावा देना है। इस योजना का उद्देश्य सीवर और सेप्टिक टैंकों की जोखिमपूर्ण सफाई में लगे लोगों को औपचारिक रूप देना और उनका पुनर्वास करना है। हाथ से मैला ढोने वालों के पुनर्वास हेतु पूर्ववर्ती स्वरोजगार योजना (एसआरएमएस) के घटकों जैसे आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य बीमा - पीएमजेएवाई; कौशल विकास प्रशिक्षण और स्वरोजगार परियोजनाओं के लिए अग्रिम पूंजी सब्सिडी आदि को नमस्ते योजना में शामिल कर लिया गया है।

इसकी वेबसाइट https://socialjustice.gov.in/schemes/37 है।

11 सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस), सस्ती कीमतों पर खाद्यान्नों के वितरण के माध्यम से, खाद्यान्न की कमी के प्रबंधन की प्रणाली के रूप में विकसित हुई है। पिछले कुछ वर्षों में, पीडीएस देश में खाद्य अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के लिए सरकार की नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है। पीडीएस प्रकृति में पूरक है और इसका उद्देश्य, इसके तहत किसी परिवार या समाज के एक वर्ग को वितरित किसी भी वस्तु की पूरी मांग उपलब्ध कराना नहीं है।

पीडीएस केंद्र और राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों की संयुक्त जिम्मेदारी के तहत संचालित होती है। केंद्र सरकार ने, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से राज्य सरकारों को खाद्यान्न की खरीद, उसके भंडारण, परिवहन और थोक आवंटन की जिम्मेदारी संभाली है। राज्य के भीतर आवंटन, पात्र परिवारों की पहचान, राशन कार्ड जारी करना और उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) के कामकाज की निगरानी सहित परिचालन की जिम्मेदारी राज्य सरकारों के पास है। वर्तमान में पीडीएस के तहत गेहूं, चावल, चीनी और केरोसिन जैसी वस्तुओं को वितरण के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित किया जा रहा है। कुछ राज्य/केंद्र शासित प्रदेश, पीडीएस आउटलेट्स के माध्यम से बड़े पैमाने पर उपभोग की अतिरिक्त वस्तुएं जैसे दालें, खाद्य तेल, आयोडीन युक्त नमक, मसाले आदि भी वितरित करते हैं।

इसकी वेबसाइट https://dfpd.gov.in/pd-Introduction.htm

 https://nfsa.gov.in/portal/PDS_page है।

12 प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) ग्रामीण विकास मंत्रालय

ग्रामीण विकास मंत्रालय(एमओआरडी) के माध्यम से 1 अप्रैल 2016 को शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), केंद्र सरकार का एक प्रमुख मिशन है, जिसका कार्यान्वयन आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) द्वारा किया जाता है। पीएमएवाई-जी का उद्देश्य सभी बेघर परिवारों और कच्चे व टूटे-फूटे घरों में रहने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्का घर उपलब्ध कराना है। पीएमएवाई-जी ग्रामीण आवास की कमी को दूर करती है और भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की कमी को पूरा करती है, जिससे "सभी के लिए आवास" के मिशन में महत्वपूर्ण योगदान मिलता है।

इसकी वेबसाइट https://www.myscheme.gov.in/schemes/pmay-g

 https://pmayg.nic.in/ है।

13 प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय

12 सितंबर, 2019 को शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई) देश भर के सभी छोटे भूमिधारक और गरीब किसानों (एसएमएफ) को सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर रही है। यह वृद्धावस्था पेंशन योजना एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है। इस पहल के तहत, पात्र छोटे और गरीब किसानों को साठ वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद 3,000 रुपये की एक निश्चित मासिक पेंशन दी जाती है। पात्र होने के लिए, किसान अपने कार्यकाल के दौरान पेंशन निधि में मासिक अंशदान करते हैं, जिसमें केंद्र सरकार भी समान अंशदान देती है।

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई) के तहत, छोटे और गरीब किसान मासिक अंशदान देकर पेंशन फंड में नामांकन करा सकते हैं। 18 से 40 वर्ष की आयु के किसानों को 60 वर्ष की आयु तक 55 रुपये से 200 रुपये प्रति माह का योगदान करना होगा। 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर, नामांकित किसानों को 3,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलती है, बशर्ते वे योजना के अपवर्जन मानदंडों को पूरा करते हों।

इसकी वेबसाइट https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2053260 https://pmkmy.gov.in/ है।

सरकार महिलाओं की रोज़गार क्षमता में सुधार के लिए मिशन शक्ति, नमो ड्रोन दीदी, लखपति दीदी, विज्ञान एवं इंजीनियरिंग में महिलाएँ- किरण (वाईज-किरण), एसईआरबी-पावर (अन्वेषणात्मक अनुसंधान में महिलाओं के लिए अवसरों को बढ़ावा देना) जैसी महिला-केंद्रित योजनाएँ भी लागू कर रही है। इन योजनाओं का संक्षिप्त विवरण और उनकी वेबसाइट का विवरण नीचे दिया गया है:
क्रम सं. योजना/कार्यक्रम का नाम मंत्रालय टिप्पणी
1 मिशन शक्ति महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

'मिशन शक्ति' एक मिशन-आधारित योजना है जिसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के उपायों को मज़बूत करना है। इसका उद्देश्य जीवन-चक्र के आधार पर महिलाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों का समाधान करके और उन्हें अभिसरण एवं नागरिक-स्वामित्व के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण में समान भागीदार बनाकर "महिला-नेतृत्व वाले विकास" के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को साकार करना है। इसका उद्देश्य मंत्रालयों/विभागों और शासन के विभिन्न स्तरों पर तालमेल में सुधार हेतु प्रस्तावित रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करना है। इसका उद्देश्य डिजिटल बुनियादी ढांचे के समर्थन, लास्ट माईल ट्रैकिंग और जन-सहभागिता को मज़बूत करने के अलावा, पंचायतों और अन्य स्थानीय स्तर के शासन निकायों की अधिकाधिक भागीदारी और समर्थन को बढ़ावा देना भी है। 'संबल' और 'सामर्थ्य' मिशन शक्ति की दो उप-योजनाएँ हैं ।

मिशन शक्ति का उद्देश्य देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाली सभी महिलाओं और लड़कियों को, जिनमें दिव्यांगजन, सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर रहने वाली और कमजोर समूह शामिल हैं, उनके समग्र विकास और सशक्तिकरण के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक सेवाएं और जानकारी प्रदान करना है।

इन योजनाओं का विवरण यहां देखा जा सकता है: https://wcd.gov.in/offerings/mission-shakti-guidelines-for-implementation-mission-shakti https://missionshakti.wcd.gov.in/

2 नमो ड्रोन दीदी

यह योजना कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, उर्वरक विभाग, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति द्वारा शासित होगी ।

ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव की अध्यक्षता वाली कार्यान्वयन एवं निगरानी समिति , जिसमें अन्य सभी हितधारकों का प्रतिनिधित्व होगा, वह योजना की प्रभावी योजना, कार्यान्वयन एवं निगरानी के लिए जिम्मेदार होगी तथा यह योजना के कार्यान्वयन से संबंधित सभी तकनीकी मामलों में समग्र सलाह एवं मार्गदर्शन प्रदान करेगी।

सरकार ने डीएवाई-एनआरएलएम के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन उपलब्ध कराने हेतु, 1261 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, केंद्रीय क्षेत्र की योजना 'नमो ड्रोन दीदी' को मंज़ूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य 2024-25 से 2025-26 की अवधि के दौरान 14500 चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि उद्देश्यों (वर्तमान में तरल उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग) के लिए किसानों को किराये की सेवाएँ प्रदान करने हेतु ड्रोन उपलब्ध कराना है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने इस योजना के लिए प्रचालन दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं और सभी हितधारकों से अनुरोध किया गया है कि वे 'नमो ड्रोन दीदी' योजना के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए इन प्रचालन दिशानिर्देशों का सार्थक उपयोग करें।

इन योजनाओं का विवरण यहां देखा जा सकता है: 

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2070029 

https://www.pib.gov.in/PressNoteDetails.aspx?NoteId=153383&ModuleId=3

https://www.india.gov.in/spotlight/namo-drone-didi

3 लखपति दीदी ग्रामीण विकास मंत्रालय

एक लखपति दीदी एक स्वयं सहायता समूह की सदस्य होती है जिनकी वार्षिक घरेलू आय एक लाख रुपये (1,00,000 रुपये) या उससे अधिक होती है। इस आय की गणना कम से कम चार कृषि मौसमों और/या व्यावसायिक चक्रों के लिए की जाती है, जिसमें औसत मासिक आय दस हज़ार रुपये (10,000 रुपये) से अधिक होती है, ताकि यह दीर्घकालिक हो सके।

वे न केवल अपनी आय के लिए, बल्कि स्थायी आजीविका प्रथाओं (कृषि या गैर-कृषि या सेवा) को अपनाकर, संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन करके और एक सभ्य जीवन स्तर प्राप्त करके अपनी परिवर्तनकारी यात्रा के लिए भी समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

इस योजना का विवरण यहां देखा जा सकता है: https://lakhpatididi.gov.in/about-lakhpati-didi/

4 विज्ञान और इंजीनियरिंग में महिलाएं - किरण (वाइज-किरण) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) सभी क्षेत्रों की महिलाओं की सहायता के लिए एक समर्पित योजना 'विज्ञान एवं इंजीनियरिंग में महिलाएँ-किरण (वाइज-किरण)' लागू कर रहा है ताकि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) के क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाई जा सके और लैंगिक समानता लाने का अंतिम लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। वाइज-किरण योजना विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं के वैज्ञानिक सफर में आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है।

वाइज-किरण प्रभाग विभिन्न आयु वर्ग की महिलाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में सशक्त बनाने के लिए निम्नलिखित कार्यक्रम चलाता है।

योजना का विवरण यहां देखा जा सकता है: https://dst.gov.in/scientific-programmes/wise-kiran

5 एसईआरबी – पॉवर (अन्वेषणात्मक अनुसंधान में महिलाओं के लिए अवसरों को बढ़ावा देना) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय

एसईआरबी – पॉवर (अन्वेषणात्मक अनुसंधान में महिलाओं के लिए अवसरों को बढ़ावा देना) कार्यक्रम भारतीय शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं में विभिन्न विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों में विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान के वित्तपोषण में लैंगिक असमानता को कम करने के लिए तैयार किया गया है। एसईआरबी – पॉवर को विशेष रूप से अनुसंधान में विविधता बढ़ाने की दिशा में एक संरचित प्रयास प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में संलग्न भारतीय महिला वैज्ञानिकों के लिए समान पहुँच और समान अवसर सुनिश्चित किए जा सकें।

योजना का विवरण यहां देखा जा सकता है: https://serb.gov.in/page/serb_power